Tuesday, December 31, 2019

नव वर्ष की शुभकामनाएं

आपको और आपके परिवार को नववर्ष 2020की हार्दिक शुभकामनाएं।
इस अवसर पर ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वह वैभव, ऐश्वर्य, उन्नति, प्रगति, स्वास्थ्य, प्रसिद्धि और समृद्धि के साथ साथ आजीवन आपको जीवन पथ पर गतिमान रखे।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

Monday, December 30, 2019

कर्म

*अवश्यमेव भोक्तव्यं कृतं कर्म शुभाऽशुभम्।*
*नाभुक्तं क्षीयते कर्म कल्प कोटि शतेरऽपि॥*

अपना किया हुआ जो कुछ शुभ-अशुभ कर्म है, वह अवश्य ही भोगना पड़ता है। बिना भोगे तो सैंकड़ों-करोड़ों कल्पों के गुजरने पर भी कर्म एवं उसका फल नहीं टल सकता।

The result of any action done either good or bad, has to be enjoyed. It can't be forfeited even after thousands of years.

आएँ एक बार पुनः सन 2019 में किये गये कर्मों का सिंहावलोकन करें एवं सन 2020 हेतु संकल्पित होकर नयी आशा के साथ भविष्य का स्वागत करें।

*सन 2020 के आगमन की शुभेच्छा।*

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Friday, December 27, 2019

परमगति

*तस्मात् असक्त: सततं कार्यं कर्म समाचार।*
*असक्त: अाचरन्कर्म परमाप्नोति पुरुष:।।*
गीता : अध्याय ३, श्लोक १९।

ज्ञानी पुरुष के समान फल की अपेक्षा नहीं रखते हुए, फल की आ‍सक्ति छोड़ कर अपना कर्त्तव्‍य कर्म सदैव करें; क्‍योंकि आ‍सक्ति छोड़ कर कर्म करने वाले मनुष्‍य को परमगति प्राप्‍त होती है।

By efficiently doing his duties without attachment or doing work without attachment, a man attains the supreme.

शुभ दिन हो।

🌸🌺💐🙏🏻

Thursday, December 26, 2019

विदुर नीति

*असम्यगुपयुक्तं हि ज्ञानं सुकुशलैरपि,*
*उपलभ्यं चाविदितं विदितं चाननुष्ठितम्॥*
विदुर नीति

That knowledge is useless, by which one can't sense his duty and that duty is also worthless which has no meaning.

वह ज्ञान व्यर्थ है, जिससे कर्तव्य का बोध न हो और वह कर्तव्य भी व्यर्थ है जिसकी कोई सार्थकता न हों।

शुभ दिन हो।

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Wednesday, December 25, 2019

परमतत्व

*तृषा जाइ बरु मृगजल पाना।* *बरु जामहिं सस सीस बिषाना।*
*अंधकारु बरु रबिहि नसावै।*
*राम बिमुख न जीव सुख पावै॥*
रामचरितमानस : उत्तर काण्ड।

तुलसीदास जी ने परम् तत्व से विमुख होकर सुखी होना नितान्त असम्भव कहा है चाहे नाना प्रकार के असम्भव कार्यों के होने की सम्भावना हो। यथा मरीचिका (मृगतृष्णा) के जल को पीने से भले ही प्यास बुझ जाए, खरगोश के सिर पर भले ही सींग निकल आवे, अन्धकार भले ही सूर्य का नाश कर दे, परन्तु श्री राम से परमतत्व से विमुख होकर जीव सुख नहीं पा सकता।

Even thirst can be satisfied with water from Miraz, a hare can get thrones on its head, dark can destroy the Sun, But no one can get pleasure being against the path of God.

शुभ दिन हो।

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Tuesday, December 24, 2019

दान

*दातव्यं भोक्तव्यं धनविषये संचयो न कर्तव्य:।*
*पश्येह मधुकरीणां संचितार्थ हरन्त्यन्ये।।*

दान कीजिये अथवा उपभोग, किन्तु धन का संचय न कीजिये।
मधुमक्खी का संचित मधु कोर्इ और ले जाता है।

The best use of wealth is to be donated or to be used. but not to be accumulated. The honey accumulated by honeybees is taken by others.

शुभ दिन हो।

🌸🌹💐🙏🏼

Sunday, December 22, 2019

क्रोध

*क्रोधमुग्धधियां नैव सुखं कालत्रयेऽपि च।*
*दृष्टं कदाप्युलूकानां क्रीडनं फुल्लपङ्कजे।।*

जिन व्यक्तियों का मन सदा क्रोध से भरा रहता है उन्हें न तो वर्तमान में और न ही भविष्य में सुख प्राप्त होता है। क्या कभी उल्लुओं को खिले हुए कमल के फूलों से भरे हुए किसी सरोवर में क्रीड़ा करते हुए देखा है?

Those persons whose mind is always in a state of bewilderment due to their angry nature, neither feel happy and comfortable at present nor in the future. Has any one ever seen owls enjoying the blooming lotus flowers in a lake? 

क्रोध से बचें।

शुभ दिन हो।

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लोक कल्याण

*ये पायवो मामतेयं ते अग्ने, पश्यन्तो अन्धं दुरितादरक्षन्।*
*ररक्ष तान्त्सुकृतो विश्ववेदा, दिप्सन्त इद्रिपवो नाह  देभुः।।*
( ऋग्वेद  1/147/3  )     

परोपकार और परमार्थ के कार्यों में निंदा, लांक्षन, उपहास आदि का भय नहीं करना चाहिए। ऐसे मनुष्यों की रक्षा स्वयं परमात्मा करता है। अतः निश्चिंत होकर लोक - कल्याण में लगे रहना चाहिए।

While doing charity and welfare for others, one should not bother about condemnation, to be ridiculed or taunted, as Almighty himself do care for him. So we should do noble deeds freely.

शुभ दिन हो।

💐🌺🌹🙏🏻

Thursday, December 19, 2019

अभिमान

*सुनहु राम कर सहज सुभाऊ।* 
*जन अभिमान न राखहिं काऊ॥*
*संसृत मूल सूलप्रद नाना।* 
*सकल सोक दायक अभिमाना॥*

ईश्वर परमसत्ता (श्री राम) का सहज स्वभाव है कि वे अपने भक्त में अभिमान कभी नहीं रहने देते, क्योंकि अभिमान जन्म-मरण रूपी संसार का मूल है और अनेक प्रकार के क्लेशों तथा समस्त दुखों का देने वाला है॥

The arrogance is the root cause of all miseries and conflicts, so the Almighty first removes arrogance from his devotees.

अभिमान त्यागें।

शुभ दिन हो।

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परोपकार

*परोपकाराय फलन्ति वृक्षा:, परोपकाराय वहन्ति नद्य:।*
*परोपकाराय दुहन्ति गाव:, परोपकाराय मिदं शरीरम्॥*

वृक्ष परोपकार के लिए ही फलते हैं।नदी परोपकार के लिए ही बहती है।गाय परोपकार के लिए दूध देती है।इसी प्रकार इस शरीर की सार्थकता परोपकार में ही है।

Trees are flourishing for charity. 
River flows for charity.
Cows give milk for charity. 
The significance of the body is in charity.

शुभ दिन हो।

🌸💐🌹🙏🏼

Tuesday, December 17, 2019

योग्यता

*नाभिषेको न संस्कार: सिंहस्य क्रियते मृगैः।*
*विक्रमार्जितराज्यस्य स्वयमेव मृगेंद्रता।।*

जंगल में पशु, शेर का संस्कार करके या उसपर पवित्र जल का छिड़काव करके उसे राजा घोषित नहीं करते बल्कि शेर अपनी क्षमताओं और योग्यता के बल पर स्वयं ही राजत्व स्वीकार करता है।

Animals do not coronate a lion through sprinkling holy water on him and conducting certain rituals. Lion assumes kingship (effortlessly) through his own prowess. 

Great people do their work  and find their true places in life without any titles and appreciations.

शुभ दिन हो।

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Monday, December 16, 2019

आचरण

*मानहिं मातु पिता नहिं देवा। साधुन्ह सन करवावहिं सेवा॥*
*जिन्ह के यह आचरन भवानी। ते जानेहु निसिचर सब प्रानी॥*

निशिचरों अर्थात् असुरों की पहचान बताते हुए रामचरितमानस में तुलसीदास जी बताते हैं कि जो अपने माता पिता को ईश्वर तुल्य नहीं मानते और साधुओं एवं सज्जन पुरुषों (की सेवा करना तो दूर, उल्टे उन) से सेवा करवाते हैं, ऐसे आचरण के सब प्राणियों को राक्षस ही समझना चाहिए।

Persons who do not respect their parents and guardians and do not serve nobles, saints are to be considered as devils.

माता पिता एवं गुरुओं का सम्मान करें।

शुभ दिन हो।

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Sunday, December 15, 2019

विद्वता

*द्वेष्यो न साधुर्भवति न मेधावी न पण्डित:।*
*प्रिये शुभानि कार्याणि द्वेष्ये पापानि चैव ह।।*

When one hates a person he never regards him as
honest, intelligent or wise. One attributes everything
good to him that he loves and evil to him that one hates.

यदि कोई किसी से घृणा करता है, तो उसकी ईमानदारी, विद्वता एवं बुद्धिमानी का भी सम्मान नही करता है, जबकि अपने प्रिय को सभी अच्छा एवं अप्रिय को बुरा बताते हैं।

शुभ दिन हो।

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Saturday, December 14, 2019

ज्ञानी

*यस्य सर्वे समारम्भा: कामसंकल्पवर्जिता:।*
*ज्ञानग्निदग्धकर्माणं तमाहु: पण्डितं बुधा:।।*
गीता : अध्याय ४, श्लोक १९।

जिसके सम्पूर्ण कर्म शास्त्रसम्मत, बिना कामना और संकल्प के होते हैं तथा जिसके समस्त कर्म ज्ञानरूप अग्नि के द्वारा भस्म हो गये हैं, उस महापुरुष को ज्ञानीजन भी पण्डित कहते हैं।

Even the wise call him a sage, whose undertaking are free from all desire and thoughts of the world, and whose actions are burnt up by the fire of wisdom.

शुभ दिन हो।

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Friday, December 13, 2019

सत्य वचन

*सत्यस्य वचनं श्रेयः सत्यादपि हितं वदेत्।*
*यद्भूतहितमत्यन्तं एतत् सत्यं मतं मम्।।* 

यद्यपि सत्य वचन बोलना श्रेयस्कर है तथापि उस सत्य को ही बोलना चाहिए जिससे सर्वजन का कल्याण हो। मेरे (अर्थात् श्लोककर्ता नारद के) विचार से तो जो बात सभी का कल्याण करती है वही सत्य है।

Though telling the TRUTH is good but only that truth must be spoken which can benefit all. As per speaker of this quote (Narad muni), that benefits all is only the Truth.

शुभ दिन हो।

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Thursday, December 12, 2019

क्रोध व लोभ

*क्रोधः सुदुर्जयः शत्रुः लोभो व्याधिरनन्तकः।।*

मनुष्य के स्वभाव में क्रोध एक ऐसे शत्रु के समान है जिस पर विजय प्राप्त करना बहुत कठिन होता है, तथा लोभ एक कभी दूर न होने वाली बीमारी के समान होता है।

Anger in a person is like an enemy very difficult to conquer or overcome, and greed is like an endless disease.

क्रोध, लोभ से बचें।

शुभ दिन हो।

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Wednesday, December 11, 2019

अविश्वास

*अतिदाक्षिण्य युक्तानां शङ्कितानि पदे पदे।*
*परापवादिभीरूणां न भवन्ति विभूतियः।।*

In the pursuit for perfection if a highly skilled and learned person remains doubtful in nature, does not believe on others and is afraid of criticism and blame, he can never become a great person.

सर्वोत्तम बनने की चाह में बात बात पर शंका करना तथा दूसरों पर अविश्वास करना ऐसा दुर्गुण हैं जो दक्ष और विद्वान् होने पर भी किसी व्यक्ति को एक महान् व्यक्ति नहीं होने देता है।

शुभ दिन हो।

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Tuesday, December 10, 2019

विचारो के प्रकार

*पिण्डे पिण्डे मतिर्भिन्ना कुण्डे कुण्डे नवं पयः।*
*जातौ जातौ नवाचाराः नव वानी मुखे मुखे॥*

Every body is Unique. No two people have the same mind. Water from no two ponds taste alike. No two cultures have same customs. No two people speak (accent) alike. 
Once we realise this, we shall be more tolerable to opinions that differ from us.

प्रत्येक व्यक्ति विशेष है। कोई दो व्यक्तियों के मन एक समान नहीं होते है। दो तालाबों के पानी का स्वाद एक जैसा नहीं होता। दो संस्कृतियों के रीति रिवाज एक जैसे नहीं होते हैं।
दो व्यक्तियों का उच्चारण / बोलना एक जैसा नहीं होता है।

हम जब इस सत्य को समझ जाते हैं तो अपने से भिन्न विचारों के प्रति ज्यादा सहनशील हो जाते है।

शुभ दिन हो।

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Monday, December 9, 2019

कार्य

*अकर्तव्यं न कर्तव्यं प्राणैः कण्ठगतैरपि।*
*कर्तव्यमेव कर्तव्यं प्राणैः कण्ठगतैरपि।।*

जो कार्य निषिद्ध या न करने के योग्य हों उन्हें प्राण कंठगत होने पर भी (मृत्यु का आसन्न संकट होने पर भी) नहीं करना चाहिये। इस के विपरीत जो कार्य करना अपना कर्तव्य हो उसे अपने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए भी अवश्य करना चाहिये।

One should not do improper or criminal acts even if he faces a threat to his life. On the other hand one should perform his duty even at the cost of his life.

शुभ दिन हो।

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Sunday, December 8, 2019

नियंत्रण

*उच्छिद्यते धर्मवृतं अधर्मो विद्यते महान्।*
*भयमाहुर्दिवारात्रं यदा  पापो  न वार्यते।।*

समाज में जब पापकर्मों (बुरे और निषिद्ध कार्यों ) पर किसी प्रकार का  नियन्त्रण  और प्रतिबन्ध नहीं होता है  तब लोगों के धार्मिक आचरण में न्यूनता (कमी) होने लगती है और अधर्म (बुरे और निषिद्ध कर्मों ) में महान वृद्धि होने से रात दिन सर्वत्र भय व्याप्त हो जाता है।
 
In a society where there is no control over sinful and illegal deeds, there is a steep decline in the  religious austerity of the people, and  as a result  there is abnormal  increase in immorality, and an environment of fear is built up everywhere at all times.

शुभ दिन हो।

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Saturday, December 7, 2019

जीवन का सार

*धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः।*
*मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय॥*
(गीता १/१)

युद्ध के मैदान में मोहग्रस्त अर्जुन को जीवन का सार समझाते हुए परम योगीश्वर भगवान् श्रीकृष्ण ने आज ही के दिन मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को गीता का ज्ञान दिया था।
 
सम्पूर्ण गीता का सार एवं जीवन जीने का सूत्र, जो इसके प्रथम श्लोक के पहले दो शब्दों *धर्मक्षेत्रे कुरूक्षेत्रे* में ही समाहित है,

*क्षेत्रे क्षेत्रे धर्म कुरु*

अर्थात जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में धर्म के अनुसार आचरण करें।

We should do all our deeds righteously according to our duty in all the fields of our life.

(यद्यपि श्रीमद्भागवत गीता का यह श्लोक धृतराष्ट्र द्वारा संजय से युद्ध क्षेत्र के क्रिया कलापों को जानने हेतु किया गया प्रश्न है।)

आज गीता जयंती पर आएँ हम सभी इसी सार को अपने जीवन एवं अपने आचरण में धारण करें।

सादर,

*मोक्षदा एकादशी की शुभकामनाएँ।*

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Friday, December 6, 2019

परमात्मा

*करोषीव न कर्ता त्वं गच्छसीव न गच्छसि।*
*श्रृणोषि न श्रृणोषीव पश्यसीव न पश्यसि॥*
अध्यात्म रामायण : बालकाण्ड : तृतीय सर्ग श्लोक २३।

परमसत्ता के परम रूपः का वर्णन करते हुए कहा :
हे प्रभु! आप कर्ता नहीं हैं, फिर भी करते हुए प्रतीत होते हैं। चलते नहीं हैं, फिर भी चलते से मालूम होते हैं। न सुनते हुए भी सुनते से दिखाई देते हैं। और न देखते हुए भी देखते हुए जान पड़ते हैं।  

इसी परम रूप का वर्णन तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में किया है:

*बिनु पद चलइ सुनइ बिनु काना।* *कर बिनु करम करइ बिधि नाना॥*
*आनन रहित सकल रस भोगी।* *बिनु बानी बकता बड़ जोगी॥*

The Almighty is not a doer, yet seem to be doing. Don't walk, but appear to be walking.  Don't listen, but look to be listening. And appear to be watching, despite not watching actually.

परमात्मा को पहचानें।

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Thursday, December 5, 2019

कपट

*कपटेन पुनर्नैव व्यापारो यदि वा कृतः।*
*पुनर्न परिपाकोर्हा हन्डिका काष्टनिर्मिता।।*

यदि कपट पूर्वक (धोखा दे कर) किसी व्यक्ति से कोई व्यापार करने के बाद वही व्यापार उस से पुनः किया जाता है तो वह उसी प्रकार संपन्न नहीं हो सकता है जिस प्रकार लकड़ी से बनी हुई हांडी चूल्हे पर दूसरी बार नहीं चढ़ सकती है।

(इसी भावना को कवि रहीम ने इस प्रकार व्यक्त किया है  - 
फेर न ह्वैहैं कपट सों, जो कीजै ब्यौपार।
रहिमन हांडी काठ की, चढै न दूजी बार॥)
       
Any business is done with someone with deceit or trickery, and if the same business is again done with him, it does not materialise next time, just like a pot made of wood can not be used again for the second time for cooking.

शुभ दिन हो।

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Wednesday, December 4, 2019

सुख

*बैर न बिग्रह आस न त्रासा।*
*सुखमय ताहि सदा सब आसा॥*
रामचरितमानस : उत्तरकाण्ड

जो मनुष्य न किसी से वैर करे, न लड़ाई-झगड़ा करे, न आशा रखे, न भय ही करे। उसके लिए सभी दिशाएँ सदा सुखमयी हैं। अर्थात् वह सदैव सुखी रहता है।

The man who does not hate anyone, fight or quarrel, does not expect and does not have fear. All directions for him are always pleasant. That is, he is always happy.

शुभ दिन हो।

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Tuesday, December 3, 2019

बुद्धिमत्ता

*निश्चित्य य: प्रक्रमते नान्तर्वसति कर्मण: ।*
*अवन्ध्यकालो वश्यात्मा स वै पण्डित उच्यते ॥*

जो पहले निश्चय करके कार्य का आरम्भ करता है, कार्य के बीच में नहीं रुकता, समय को व्यर्थ नहीं गँवाता और चित्त को वश में रखता है, वही पण्डित कहलाता है।

One who starts the work with determination, does not leave it unfinished, does not waste time and keeps the mind in control, is called Wise.

शुभ दिन हो।

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Monday, December 2, 2019

पद

*उत्तमे सह सङ्गेन को न याति समुन्नतिं।*
*मूर्ध्ना तृणानि धार्यन्ते ग्रथितैः कुसुमैः सह।।*

उत्तम (महान) व्यक्तियों की संगति मे उन्नति और उच्च पद प्राप्त नहीं कर पाए, ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है।
जिस प्रकार साधारण घास के तिनके भी पुष्पों के साथ गूँथे जाने पर लोगों द्वारा मस्तक पर धारण किये जाते हैं।

No person exists who does not achieve high position and advancement in the company of great and excellent person, Even the blades of ordinary grass when ties with beautiful flowers get placed on the foreheads of people.

शुभ दिन हो।

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Sunday, December 1, 2019

नियति

*जनम मरन सब दुख सुख भोगा।*
*हानि लाभु प्रिय मिलन बियोगा॥*
*काल करम बस होहिं गोसाईं।* 
*बरबस राति दिवस की नाईं॥*
रामचरितमानस : अयोध्या काण्ड।

जन्म-मरण, सुख-दुःख के भोग, हानि-लाभ, प्रियजनों का मिलना-बिछुड़ना, ये सब कर्म एवं समय के अधीन हैं एवं रात और दिन की तरह नियमित बरबस होते रहते हैं।

Birth & Death, Joy & Sorrow, Profit & Loss and Meeting & Separating of Dears; these all events necessarily take place depending on time & karma like days and nights.

शुभ दिन हो।

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