Tuesday, June 30, 2020

क्षमा एवं धैर्य

*ऐश्वर्येऽपि क्षमा यस्य दारिद्र्येऽपि हितैषिता।*
*आपत्तावपि  धीरत्वं  दधतो  मर्त्यता कथं।।*

जो व्यक्ति ऐश्वर्यवान होते हुए भी क्षमाशील होते हैं, दरिद्र होते हुए भी अन्य व्यक्तियों की सहायता को सदैव तत्पर रहते हैं, तथा विपत्ति आने पर भी अपना धैर्य नहीं खोते हैं तो वे भला मृत्यु से क्यों भयभीत होंगे?

Those persons who in spite of being powerful and prosperous are also forgiving in nature, in spite of being poor are always ready to help others, and remain courageous and firm even while facing a calamity, why will they be afraid of their mortality?

*क्षमा करें व धैर्य भी धरें,*
*सदा दूसरों की सहायता करें।*

*देवशयनी एकादशी से आज चातुर्मास प्रारम्भ हो रहा है, शुभ उत्सवों एवं त्यौहारों की अगुवानी करें।*
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