Sunday, January 12, 2020

सत्कर्म

*कबिरा सो धन संचिये, जो आगे को होय।*                                                                    *सीस चढ़ाए पोटली, जात न देख्यो कोय।।*

कबीर कहते हैं कि उस धन का संचय करो जो भविष्य में अर्थात इहलोक में भी काम आये क्योंकि मृत्यु के पश्चात सर पर धन की गठरी बाँध कर ले जाते तो किसी को नहीं देखा।

One should collect the wealth of good deeds which can be used after death also as no body can take this physical wealth with him to another world.

सत्कर्म संचित करें।

शुभ दिन हो।

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राष्ट्रीय युवा दिवस

ब्रह्माण्ड की समस्त शक्तियाँ हमारे पास है। ये विडम्बना है कि हम अपने हाथों से अपनी आँखों को बंद कर अंधकार का प्रलाप करते हैं।

All the powers in the universe are already ours. It is we who have put our hands before our eyes and cry that it is dark.

स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन एवं *राष्ट्रीय युवा दिवस* पर संकल्प लें:

*उठें, जागे और रुके नहीं जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो।*

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