Sunday, November 21, 2021

कर्म

*इह जगति हि न निरीहदेहिनं श्रियः संश्रयन्त।*

इस संसार में जो प्रयत्न नहीं करता है, कर्म नहीं करता है, उसे कभी सम्पन्नता नहीं मिलती है।

In this world one who does not put in effort (i.e. one who is inactive) does not acquire wealth.

गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी रामचरितमानस में लिखा है :

_सकल पदारथ इह जग माहीं,_
_करमहीन नर पावत नाहीं।_

*पाना है यदि कुछ इस जग में, हर पल हम पुरुषार्थ करें,*
*दूर रखें संशय प्रत्येक हम, नहीं हृदय में स्वार्थ भरें,*
*स्वस्थ रहें हम व्यस्त रहें हम, हर पल ईश्वर नाम जपें,*
*जीवन अपना सफल करें, कर्तव्य मार्ग से नहीं टरें।*

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Friday, November 19, 2021

देव दीपावली की शुभकामनाएं

*जगत में झूठी देखी प्रीत।*
*अपने ही सुख सों सब लागे, क्या दारा क्या मीत॥*
*अंतकाल संगी नहिं कोऊ, यह अचरज की रीत॥*
*नानक भव-जल-पार परै जो गावै प्रभु के गीत॥*

कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली, प्रकाश परब एवं *गुरु नानक देव* की जयंती पर आएँ हम अपने कर्तव्यों (धर्म) के प्रति सजग होने का संकल्प लें एवं दैवीय शक्तियों को स्वयं में अनुभव करें। 

आज वीरांगना झाँसी की रानी *लक्ष्मीबाई* एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी की जयंती पर शौर्य और दृढ़ता का वरण करें।

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Sunday, November 14, 2021

जय माँ तुलसी

*त्रिकाल बिनता पुत्र प्रयाश तुलसी यदि।*
*विशिष्यते कायशुद्धिश्चान्द्रायण शतं बिना।।*

यदि सुबह, दोपहर और शाम को तुलसी का सेवन किया जाए तो उससे शरीर इतना शुद्ध हो जाता है, जितना अनेक चांद्रायण व्रत के बाद भी नहीं होता।

If one consumes _Tulsi_ three times (morning, afternoon and evening) a day her/his body will become more clean than it can be done by doing _Chandrayan Vrat_ (a very difficult fasting). 

*Please plant a _Tulsi_ at home.*

*देव प्रबोधिनी एकादशी (तुलसी विवाह) पर हम अपने सोये देवत्व को जागृत करें।*

*तुलसी को अपनाएँ हम,*
*रोग प्रत्येक हराएँ हम,*
*जीवन स्वस्थ बनाएँ हम,*
*सोया देवत्व जगाएँ हम।*

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Wednesday, November 10, 2021

जय छठी मैया

*ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।*
*अनुकंपय माम् भक्त्या गृहणार्घ्यं दिवाकर:।।*

समस्त प्राणियों को नित्य नवजीवन प्रदान करने वाले ऊर्जा के अक्षुण्ण स्रोत सूर्य देवता की प्रथम किरण ऊषा को अर्घ्य समर्पित करूँ एवं सूर्य देव अपनी असीम अनुकम्पा हम सभी पर बरसाए।

We pray the first ray *Usha* of the eternal source of energy the *Sun* on this auspicious day of *Soorya Shashthi* and be blessed.

आज उदय होते सूर्य की प्रथम किरण *ऊषा* को अर्घ्य देते हुए *सूर्य आराधना के महापर्व सूर्य षष्ठी* (छठ पूजा) पर भगवान भास्कर से हम सभी के जीवन में प्रखरता भरने की प्रार्थना।

छठी मैया हम सबका कल्याण करें।

*किरण प्रथम को अर्घ्य हमारा, सूर्य देव स्वीकार करो,*
*भाव पुष्प अर्पण हैं छठ माँ, हम सबका उद्धार करो।*

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Tuesday, November 9, 2021

जय छठी मैया

*ॐ सूर्य देवं नमस्ते स्तु गृहाणं करूणा करं।*
*अर्घ्यं च फलं संयुक्त गन्ध माल्याक्षतै युतम्।।*

हे सूर्य देव! हम आपको सुगंधित पुष्प फल माला अक्षत से परिपूरित पूर्ण श्रद्धा से अर्घ्य अर्पित करते हैं, आप इसे ग्रहण कर हम पर करुणा करो।

O Sun God! We offer you arghya with full devotion, complemented by fragrant flowers fruits garlands, kindly accept and bless us.

*सूर्योपासना के महापर्व सूर्य षष्ठी (छठ पूजा) पर आज अस्ताचलगामी सूर्य की अंतिम किरण प्रत्यूषा को अर्घ्य देते हुए जीवन में इस विश्वास को दृढ़ करें कि अस्त हुआ सूर्य पुनः नयी आभा के साथ उदय होता है।*

छठी मैया सभी के जीवन में उल्लास एवं स्वास्थ्य भर दे।

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Saturday, November 6, 2021

शुभ रविवार

*एहि तन कर फल बिषय न भाई।*
*स्वर्गउ स्वल्प अंत दुखदाई॥*
*नर तनु पाइ बिषयँ मन देहीं।*
*पलटि सुधा ते सठ बिष लेहीं॥*

रामचरित मानस : उत्तरकांड।

मानव शरीर मिलने का उद्देश्य विषयभोग नहीं है, स्वर्ग का भोग भी थोड़ा लगता है और अंत में दुःख देने लगता है। अतः यदि मनुष्य शरीर पाकर भी विषयों में मन लगाने वाले, किसी मूर्ख के समान अमृत के बदले विष लेने के समान है।

The cause to the human birth is not to be indulged in material things/ pleasures, even pleasure of heaven may seem insufficient and later caused sufferings only. Hence if a human indulge in material things/ pleasures is like a fool who takes venom against nector.

*मिला मनुज तन गर्व करें हम,*
*विषय भोग में क्यों उलझें हम,*
*सत्कर्मों में व्यस्त रहें हम,*
*यह उद्देश्य पूर्ण करें हम।*

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Friday, November 5, 2021

श्री चित्रगुप्त पूजन

*असद्भिः शपथेनोक्तं जले लिखितमक्षरम्।*
*सद्भिस्तु लीलया प्रोक्तं शिलालिखितमक्षरम्॥*

असभ्य ( दुष्ट स्वभाव के) व्यक्तियों द्वारा किसी कार्य को करने हेतु ली गयी शपथ जल में लिखे गये अक्षरों के समान (अस्थायी) होती है ,अर्थात वे उसका अनुपालन नहीं करते हैं। इस के विपरीत सभ्य (सज्जन और सत्यवादी) व्यक्तियों द्वारा हँसी मजाक में भी कही हुई कोई बात एक शिलालेख के समान (स्थायी) होती है,
अर्थात वे जो कहते हैं उसे अवश्य पूरा कर के दिखाते हैं।

The commitments made by persons of evil temperament even under oath are just like words written on the surface of water (which
disappear immediately) and are not honoured by them.  On the other
hand commitments made by upright and truthful persons even casually are like the words engraved on a slab of stone (permanent) and are duly honoured by them.

*पञ्च दिवसीय दीप पर्व के समापन दिवस यम द्वितीया (भाई दूज) पर प्रत्येक भाई एवं बहिन स्वस्थ और संपन्न बने यही प्रार्थना।*

*आज चित्रगुप्त पूजन पर आएँ सदैव सत्कर्मों में रत रहने हेतु संकल्पित होवें।*

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Thursday, November 4, 2021

गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं

*अब कुसल कौसलनाथ आरत जानि जन दरसन दियो।*
*बूड़त बिरह बारीस किरपानिधान मोहि कर गहि लियो॥*
रामचरित मानस : लंकाकांड।

(भगवान राम के वनवास से लौटने पर भरत ने कहा-) हे कोसलनाथ! आपने दुःखी जानकर मुझ दास को दर्शन दिये, जिससे अब मैं कुशल हूँ। इस विरह सागर में डूबते हुए को आपने हाथ पकड़कर बचा लिया॥

(On the return of Lord Ram from exile, Bharat said) O Kosalnath! Knowing my grief, you came and meet me, now I am well. You saved me by holding my hand while drowning in this parting ocean.

 हम भगवान राम के आगमन को अनुभव करते हुए अपने सभी दुःखों से मुक्त हों, स्वस्थ हों, यही शुभेच्छा।

गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट महोत्सव की शुभेच्छाएँ।

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Wednesday, November 3, 2021

दीपावली की शुभकामनाएं

*दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।*
*दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते।।*

*तमसो मा ज्योतिर्गमय*

अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ें।

Come, walk towards LIGHT from Darkness.

*दीप पर्व है दीप जलाएँ,*
*अंधकार को आज हराएँ,*
*आलोकित करने हर जीवन,*
*आएँ हम दीपक बन जाएँ।*

उत्साह, उमंग, आलोक के इस महापर्व *दीप पर्व* पर हम सभी के जीवन में दैवीय प्रकाश बढ़े, यही प्रार्थना।

*शुभ दीपावली*
*स्वस्थ दीपावली*
*मंगल दीपावली*

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Tuesday, November 2, 2021

शुभ छोटी दीपावली

*अग्निर्देवो द्विजातीनां, मुनीनां हृदि दैवतम्।*
*प्रतिमा स्वल्पबुद्धीनां, सर्वत्र समदर्शिनः।।*
चाणक्य नीति

द्विजों अथवा ब्राह्मणों के लिए अग्नि भगवान है। 
मुनियों का भगवान उनके हृदय में स्थित है। 
अल्पबुद्धि लोगों का भगवान प्रस्तर प्रतिमा अर्थात मूर्ति में स्थित है। 
और जो समदर्शी हैं उनके लिए भगवान सर्वत्र हैं।

For the brahmins, fire is God; 
for the ascetics, the Lord is in their hearts; for those with little insight, it is in the statue; for those with equanimity, He is everywhere!

पञ्च दिवसीय सम्पूर्ण महापर्व *दीपावली* (स्वास्थ्य, रूप, समृद्धि, उल्लास एवं सुरक्षा हेतु आराधना का पर्व) के द्वितीय दिवस *रूप चतुर्दशी*, काली चौदस एवम् छोटी दीपावली पर हम सभी स्वस्थ एवं रूपवान बनें।

🙏🏼🙏🏼 *शुभ दीपावली* 🙏🏼🙏🏼

Monday, November 1, 2021

शुभ धनतेरस

*सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया।* 
*सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।*

सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।

May all be happy, be free from all diseases, be a witness to all auspicious and no one has to become a partaker of sorrow.

पञ्च दिवसीय सम्पूर्ण महापर्व *दीपावली* (स्वास्थ्य, रूप, समृद्धि, उल्लास एवं सुरक्षा हेतु आराधना का पर्व) के प्रथम दिवस, भगवान धन्वन्तरि के प्राकट्य दिवस *धनतेरस* पर हम सभी स्वास्थ्य रूपी धन से पूरित हों।

🙏🏼🙏🏼 *शुभ धनतेरस* 🙏🏼🙏🏼