Friday, February 7, 2020

सार

*भरत बिनय सादर सुनिअ, करिअ बिचारु बहोरि।*
*करब साधुमत लोकमत, नृपनय निगम निचोरि॥*
रामचरितमानस : अयोध्याकांड।

ऋषि वशिष्ठ श्री राम को प्रथम अनुज भरत की विनती को आदरपूर्वक सुन कर उस पर विचार करने को कहते हैं। साथ ही साधुमत, लोकमत, राजनीति और वेदों का सार भी ध्यान में रखकर निर्णय लेने का परामर्श देते हैं।

Sage Vasishth advised  to Ram to listen first to Bharat's request respectfully and then think over it.
He also advised to take in consideration the views of Sadhus, public, King's duties and then the Vedas, before take a decision.

देश की राजधानी में आज 70 विधान सभा क्षेत्रों में होने वाले चुनाव में भली प्रकार विचार कर मतदान करें।

*मतदान अवश्य करें।*

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