Wednesday, December 23, 2020

परम सत्ता

*करोषीव न कर्ता त्वं गच्छसीव न गच्छसि।*
*श्रृणोषि न श्रृणोषीव पश्यसीव न पश्यसि॥*
अध्यात्म रामायण : बालकाण्ड : तृतीय सर्ग श्लोक २३।

परमसत्ता के परम रूपः का वर्णन करते हुए कहा :
हे प्रभु! आप कर्ता नहीं हैं, फिर भी करते हुए प्रतीत होते हैं। चलते नहीं हैं, फिर भी चलते से मालूम होते हैं। न सुनते हुए भी सुनते से दिखाई देते हैं। और न देखते हुए भी देखते हुए जान पड़ते हैं।  

इसी परम रूप का वर्णन तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में किया है:

*बिनु पद चलइ सुनइ बिनु काना।* *कर बिनु करम करइ बिधि नाना॥*
*आनन रहित सकल रस भोगी।* *बिनु बानी बकता बड़ जोगी॥*

The Almighty is not a doer, yet seem to be doing. Don't walk, but appear to be walking.  Don't listen, but look to be listening. And appear to be watching, despite not watching actually.

*परम शक्ति को जानें हम,*
*अन्तस् में है मानें हम,*
*हम सब अंश उसी का हैं,*
*निज को अब पहचानें हम।*

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