Saturday, January 4, 2020

परमतत्व

*यच्चापि सर्वभूतानां बीजं तदहमर्जुन।*
*न तदस्ति विना यत्स्यान्मया भूतं चराचरम् ।।*
गीता : अध्याय १०, श्लोक ३९।
परमतत्व की व्यापकता को समझाते हुए श्रीकृष्ण कहते हैं,

और हे अर्जुन! जो सब भूतों (प्रत्येक जीव) की उत्पत्ति का कारण है, वह भी मैं ही हूँ, क्योंकि ऐसा चर और अचर कोई भी नहीं है, जो मुझसे रहित हो।

Arjuna! I am even that which is the seed of all life, as there is no creature, moving or inert, which exists without Me.

कण कण में व्याप्त परमतत्व को अनुभव करें।

शुभ दिन हो।

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