Saturday, October 12, 2019

शरद पूर्णिमा

*कर्मायत्तं फलं पुसां बुध्दि: कर्मानुसारिणी।*
*तथापि सुधियश्चाऽर्या: सुविचार्यैव कुर्वते॥*

मनुष्यों को फल कर्म के अनुसार मिलता है और बुध्दि भी कर्मों के अनुसार ही चलती है, फिर भी विद्वान और सज्जन भली भांती सोच विचार कर ही किसी कार्य को करते है।

Man gets results according to their deeds and their intellect also works according to their deeds, though the learned and noble persons do any work after proper thoughts.

अमृत वर्षा एवं महारास का यह पर्व *शरद पूर्णिमा, रास पूर्णिमा एवं कोजागरी पूर्णिमा* के नाम से जाना जाता है, हम सभी पर अमृत बरसे ऐसी शुभकामनाओं के साथ,

शुभ दिन हो।

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