Wednesday, September 30, 2020

परिस्थिति

*उग्रत्वं च मृदुत्वं च समग्रं वीक्ष्य संश्रयेत्।*
*अन्धकारम् असंहृत्य न उग्रो भवति भास्करः।।*

जिस प्रकार सन्ध्या तथा प्रातःकाल के समय सूर्य अपने प्रखर रूप मे नहीं रहता है। उसी प्रकार परिस्थिति के अनुसार ही मनुष्य को उग्र अथवा मृदु व्यवहार करना चाहिए। परिस्थिति अनुकूल न हो तो क्रोध करने से कोई लाभ नहीं होता है।

Simile of the setting and rising Sun, while dealing with others one should behave firmly (angrily) or gently (with courtesy) only after properly assessing the prevailing situation. When the situation is adverse showing anger does not help at all.

प्रातः संध्या धीमा रहता,
देख समय सूर्य चमकता,
जीवन का यह पाठ सिखाता,
समयानुकूल व्यवहार सुहाता।

स्वस्थ रहें।

🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼