Tuesday, October 20, 2020

मित्र

*अपि संपूर्णता युक्तैः कर्तृव्या सुहृदो बुधैः।*
*नदीशः परिपूर्णोऽपि चन्द्रोदयमपेक्षते।।*

जिस प्रकार समुद्र को अथाह जल राशि के होते हुए भी ज्वार उत्पन्न करने के लिए चन्द्रमा की आवश्यकता पड़ती है। 
उसी तरह सर्वगुण संपन्न विद्वान् व्यक्ति को भी किसी विशेष कार्य को संपन्न करने हेतु अपने मित्रों की सहायता की आवश्यकता पड़ती है।

The Ocean, which is full to the brim with water, needs the Moon to raise its water level in the sky and to create high tide.
Similarly learned persons, well versed in various disciplines of learning, need the assistance of their friends for accomplishing a particular task.

*पंचम नौरात्र पर माँ के स्कंदमाता स्वरूप को नमन*

जब तक दवाई नहीं,
तब तक ढिलाई नहीं,
मित्र रखें, दूरी रखें,
स्वस्थ रहें, स्वस्थ रखें।

🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼