Thursday, September 17, 2020

विद्वान

*निश्चित्य य: प्रक्रमते नान्तर्वसति कर्मण: ।*
*अवन्ध्यकालो वश्यात्मा स वै पण्डित उच्यते ॥*

जो पहले निश्चय करके कार्य का आरम्भ करता है, कार्य के बीच में नहीं रुकता, समय को व्यर्थ नहीं गँवाता और चित्त को वश में रखता है, वही पण्डित कहलाता है।

One who starts the work with determination, does not leave it unfinished, does not waste time and keeps the mind in control, is called Wise.

आज से प्रत्येक तीन वर्षों में एक बार हिन्दी पञ्चाङ्ग के अनुसार होने वाले अधिक मास का प्रारम्भ हो रहा है, उसके पश्चात शारदीय नवरात्र का प्रारम्भ होगा।

आएँ इस *आश्विन अधिक मास* में अधिकाधिक घर में रहते हुए अपनी शक्तियों का संचय करें।


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