Wednesday, May 20, 2020

प्रकार

*ऐश्वर्यमल्पमेत्य प्रायेण हि दुर्जनो भवति मानी।*
*सुमहत्प्राप्यैश्वर्यं प्रथमं प्रतिपद्यते  सुजनः।।*

दुर्जन, थोड़ा सा भी ऐश्वर्य पा कर प्रायः बहुत ही गर्वीले और चञ्चल (अधीर) हो जाते हैं, परन्तु सज्जन बहुत अधिक ऐश्वर्यवान हो कर भी शान्त और मृदुल स्वभाव के ही बने रहते हैं।

(तुलसीदास जी ने भी रामचरितमानस में कहा है :
*छुद्र नदी भरि चली तोराई।* 
*जस थोरहु धन खल इतराई।।*)

A wicked person having acquired even a bit of prosperity and power becomes very capricious and proud, whereas a noble person even after acquiring abundant power and prosperity still remains very calm and quiet.

*अपना अपना ध्यान रखें,*
*एक नियम का मान रखें,*
*व्यर्थ नहीं बाहर विचरें,*
*भीड़ भाड़ से दूर रहें।*

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