Tuesday, October 15, 2019

क्रूरता

*सर्प क्रूर खलः क्रूरः, सर्पात् क्रूरतरः खलः।*
*सर्पः शाम्यति मन्त्रैश्च दुर्जनः केन शाम्यति॥*

साँप भी क्रूर होता है और दुष्ट भी क्रूर होता है, किन्तु दुष्ट साँप से अधिक क्रूर होता है। क्योंकि साँप के विष का तो मन्त्र से शमन हो सकता है, किन्तु दुष्ट के विष का शमन किसी प्रकार से नहीं हो सकता।

The serpent is cruel and the wicked is cruel too, but the wicked is more cruel than the serpent. Because snake venom can be suppressed by mantra, but the poison of the wicked can not be cured.

शुभ दिन हो।

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