Thursday, December 29, 2022

गुरु गोविंद सिंह जयंती

*चिड़ियाँ नाल मैं बाज लड़ावाँ,* 
*गिदरां नुं मैं शेर बनावाँ,*
*सवा लाख से एक लड़ावाँ,*
*ताँ गोविंद सिंह नाम धरावाँ।*

Today on this auspicious day, the birth anniversary of *Guru Govind Singh*, we solemnly oath to be on the path of our duty.

आज पौष मास शुक्ल पक्ष सप्तमी को *गुरु गोविंद सिंह* की जयंती प्रकाश पर्व पर आएँ हम सब अपने धर्म पर अडिग रहने का संकल्प लें।

*धर्म प्रथम है जीवन में,*
*धर्म सदा हो हर मन में,*
*सीखें हम भी धर्म निभाना,*
*जब तक प्राण रहें तन में।*

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Thursday, November 24, 2022

हरी सुमिरन

*बारि मथें घृत होइ बरु सिकता ते बरु तेल।*
*बिनु हरि भजन न तव तरिअ यह सिद्धांत अपेल॥*
रामचरितमानस : उत्तर काण्ड।

जल को मथने से भले ही घी उत्पन्न हो जाए और भूसे से भले ही तेल निकल आए, परन्तु परमात्मा के सुमिरन के बिना संसार रूपी सागर से नहीं तरा जा सकता, यह सिद्धांत अटल है॥

Even butter can be produced by churning water and the oil can be abstracted from dry straws, But being not on the path of God, one can not distract from the attraction of this world. This theory is unattainable.

*एक परम को जान समझ लें,*
*और परम का सुमिरन कर लें,*
*भव सागर से हम तर जाएँ,*
*साथ परम के सब सुख पा लें।*

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Monday, November 7, 2022

कार्तिक पूर्णिमा

*जगत में झूठी देखी प्रीत।*
*अपने ही सुख सों सब लागे, क्या दारा क्या मीत॥*
*अंतकाल संगी नहिं कोऊ, यह अचरज की रीत॥*
*नानक भव-जल-पार परै जो गावै प्रभु के गीत॥*

कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली, प्रकाश परब एवं *गुरु नानक देव* की जयंती पर आएँ हम अपने कर्तव्यों (धर्म) के प्रति सजग होने का संकल्प लें एवं दैवीय शक्तियों को स्वयं में अनुभव करें।

आज चंद्र ग्रहण में हम अधिकाधिक साधना करें, उत्सव न मनाएँ।

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Thursday, November 3, 2022

देव दीपावली

*त्रिकाल बिनता पुत्र प्रयाश तुलसी यदि।*
*विशिष्यते कायशुद्धिश्चान्द्रायण शतं बिना।।*
*तुलसी गंधमादाय यत्र गच्छन्ति: मारुत:।*
*दिशो दशश्च पूतास्तु: भूत ग्रामश्चतुर्विध:।।*

यदि सुबह, दोपहर और शाम को तुलसी का सेवन किया जाए तो उससे शरीर इतना शुद्ध हो जाता है, जितना अनेक चांद्रायण व्रत के बाद भी नहीं होता। तुलसी की गंध जितनी दूर तक जाती है, वहाँ तक का वातारण और निवास करने वाले जीव निरोगी और पवित्र हो जाते हैं।

*तुलसी का एक पौधा अपने घर में अवश्य लगाएँ।*

If one consumes _Tulsi_ three times (morning, afternoon and evening) a day her/his body will become more clean than it can be done by doing _Chandrayan Vrat_ (a very difficult fasting). All the living beings living in the environment where the aroma (smell) of Tulsi reaches, become healthy and holy.

*Please plant a _Tulsi_ at home.*

*देव प्रबोधिनी एकादशी (तुलसी विवाह) पर हम अपने सोये देवत्व को जागृत करें।*

*तुलसी को अपनाएँ हम,*
*तन मन स्वस्थ बनाएँ हम,*
*मानवता उर में भर लें,*
*अब देवत्व जगाएँ हम।*

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Sunday, October 30, 2022

जय छठ मैया

*छठी माई चहिहे न होई कवनो कमी,*
*घरवा में भरल रही अन्न धन लक्ष्मी।*

सूर्यवंशी भगवान श्री राम के अयोध्या आगमन के बाद राज्याभिषेक से पूर्व सूर्यषष्ठी पर किये गये तप को अनुभव करते हुए भगवान भास्कर की आराधना के इस महापर्व पर आज उगते हुए सूर्य की प्रथम किरण को अर्घ्य देते हुए छठ माता से इस लोक गीत की प्रार्थना को स्वीकार करने की प्रार्थना।

Experiencing the austerity performed on *Surya Shashti* by Suryavanshi Lord Shri Ram after arrival in Ayodhya before his coronation, on this great festival of worship of Lord Bhaskar, offering prayers to the first ray of rising sun today, We pray *Chhath Mata* to accept prayer of this folk song.

आज *राष्ट्रीय एकता दिवस* पर हम राष्ट्र की अखंडता एवं अक्षुण्णता हेतु संकल्पित हों।

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Saturday, October 29, 2022

जय छठ मैया

*ॐ सूर्य देवं नमस्ते स्तु गृहाणं करूणा करं।*
*अर्घ्यं च फलं संयुक्त गन्ध माल्याक्षतै युतम्।।*

हे सूर्य देव! हम आपको सुगंधित पुष्प फल माला अक्षत से परिपूरित पूर्ण श्रद्धा से अर्घ्य अर्पित करते हैं, आप इसे ग्रहण कर हम पर करुणा करो।

O Sun God! We offer you arghya with full devotion, complemented by fragrant flowers fruits garlands, kindly accept and bless us.

*सूर्योपासना के महापर्व सूर्य षष्ठी (छठ पूजा) पर आज अस्ताचलगामी सूर्य की अंतिम किरण प्रत्यूषा को अर्घ्य देते हुए जीवन में इस विश्वास को दृढ़ करें कि अस्त हुआ सूर्य पुनः नयी आभा के साथ उदय होता है।*

छठी मैया सभी के जीवन में उल्लास एवं स्वास्थ्य भर दे।

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Monday, October 3, 2022

जय माँ

*सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।*
*सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।*

हे समस्त सिद्धियों को देने वाली माँ सिद्धिदात्री, आपको सिद्धगण, गंधर्व, यक्ष, सुर, असुर, इत्यादि पूजते हैं, आप हमारा पूजन भी स्वीकार करो एवं सभी सिद्धि प्रदान करो।

Goddess Siddhidatri who is worshipped by Siddha, Gandharva, Yaksh, Gods, Demons etc., holds Conch, Chakra, Gada and Lotus in her hands, giver of all siddhis and victory all over, be propitious to all.

On This Auspicious Occasion of Durga MahaNavami, May all  blessed with Prosperity, Happiness, Health, Wealth And Success.

आज महानवमी के इस अवसर पर माँ दुर्गा हम सभी की समस्त सदिच्छाओं को पूर्णता प्रदान करे।

*शक्ति भक्ति संचित की है,*
*माँ को पूजा अर्पित की है,*
*माँ पूजन सब स्वीकार करो,*
*माँ हम सबका उद्धार करो।*

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जय माँ

*श्वेते वृषे समारूढा, श्वेताम्बरधरा शुचि:।*
*महागौरी शुभं दद्यात्, महादेव प्रमोददा।।*

श्वेत बैल पर सवार, श्वेत वस्त्र धारण करने वाली, अत्यन्त पवित्र और महादेव को अपनी भक्ति से प्रसन्न करने वाली हे माँ महागौरी! हम सबका कल्याण करो।

O Maa Mahagauri, riding on a white bull, wearing white clothes, very pious and pleasing _Mahadev_ with thy devotion! Bless us all.

आज माँ आदि शक्ति के अष्टम स्वरूप महागौरी का पूजन।

*वृषारूढ़ हो आओ माँ, हम सबका कल्याण करो,*
*शक्ति भक्ति का वर दो माँ, यह पूजन स्वीकार करो।*

शक्ति पूजन करें।

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Saturday, October 1, 2022

जय माँ

*जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतार्तिहारिणि।*
*जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोस्तु ते।*
(अर्गला स्तोत्र)

हे देवि चामुण्डे! (चण्ड मुण्ड विनाशिनी) आपकी जय हो। समस्त प्राणियों की पीड़ा हरने वाली देवि! आपकी जय हो। हे सबमें व्याप्त रहने वाली देवि! आपकी जय हो। हे कालरात्रि ! आपको नमन करते हैं।


O Goddess Chamunde! (Chand Mund destroyer) Hail thee. O Goddess who removes the pain of all beings! Hail thee.
O Goddess who pervades all! Hail thee. 
O Kalratri! bows to you.

आज माँ आदिशक्ति के सप्तम स्वरूप कालरात्रि का पूजन अर्चन।

*रूप भयंकर धर आओ माँ,*
*सब कल्मष हर जाओ माँ।*

आज गाँधी जी एवं लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर हम सभी राष्ट्र को सर्वोच्च बनाने हेतु संकल्पित हों।

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Friday, September 30, 2022

जय माँ

*जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।*
*दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।*
(अर्गला स्रोत्र)

हे विजय देने वाली, मंगल करने वाली, भय हरने वाली, दुष्टों का संहार करने वाली, कल्याण करने वाली, करूणा रखने वाली, क्षमा देने वाली, सभी प्रकार के ऐश्वर्य प्रदान करने वाली माँ दुर्गा आपको नमन करते हैं।

O giver of victory, bestower of auspiciousness, remover of fear, destroyer of wicked, doer of welfare, having compassion, giving forgiveness, bestowing all kinds of opulences, Maa Durga bows to you.

आज माँ आदिशक्ति के छठे स्वरूप कात्यायनी का पूजन वंदन।

*माँ आओ कर सिंह सवारी,*
*दूर करो माँ विपदा सारी।*

शक्ति संचय करें।

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