Friday, October 1, 2021

आत्म सन्तोष

*असन्तोषः परं दुःखं सतोषः परमं सुखं।*
*सुखार्थी पुरुषस्तस्यात्सन्तुष्टः सततं भवेत् ।।*

जो व्यक्ति संतोषी नहीं होता है वह सदैव ही अत्यन्त दुःखी रहता है और जो व्यक्ति संतोषी होता है वह परम सुख का अनुभव करता है। अतएव सुख की कामना करने वाले व्यक्ति को सदैव संतुष्ट रहना चाहिए।

The person who is not satisfied is always very unhappy and the person who is content feels the ultimate happiness. Therefore a person who desires happiness should always be satisfied.

*आज महात्मा गाँधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिन पर हम सभी अपने राष्ट्र हेतु समर्पित होने का संकल्प लें।*

🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼