Wednesday, August 19, 2020

कर्म

*सुखदु:खे समे कृत्वा लाभालाभो जयाजयौ।*
*ततो यूद्धाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि।।*

कर्म करने की प्रेरणा देते हुए भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं:

जय-पराजय, लाभ-हानि और सुख-दु:ख को समान समझ कर, युद्ध के लिये उद्यत हो। इस प्रकार युद्ध करने से पाप को नहीं प्राप्त होगा।

Treating alike victory and defeat, gain and loss, pleasure and pain, get ready for the fight; thus you will not incur sin.

शुभ दिन हो।

🌹🌸💐🙏🏼