Sunday, May 16, 2010

गर्मी से बेहाल

इस गर्मी में तो भैया क्या बताये बस एक ही चारा है की दिन भर गंगा जी में डुबकी लगाओ और आम का पन्ना और लस्सी का सेवन करते रहो. और गुरु इन सारी चीजो से हम दूर यहाँ delhi में परेशां बेहाल नौकरी कर रहे है. घर से निकलो तो ऐसा लगता है की सूर्य देवता हमें जला ही डालेंगे पर क्या करे दफ्तर तो जाना ही है. परेशानी का सबब ये है की दफ्तर से बहार निकलने का मन ही नहीं करता और जब घर वापस निकलने के लिए निकलो तो लगता है किसी ने तंदूर में डाल दिया है. हम तो भैया कहते है की अपना कुलर ही सही होता है ये ससुरा AC बहुत ख़राब चीज है भाई.
वैसे गर्मी का भी एक अलग आनंद होता है आम खाने को मिलता है छुट्टिया होती है बच्चो की. घूमो मस्ती करो बस ये हो जाये की मौसम थोडा मेहरबान हो जाये............
आप सभी लोग इन छुट्टियों का आनंद लीजिये.

लल्लन