Sunday, March 8, 2020

होलिका दहन

*जलु पय सरिस बिकाइ, देखहु प्रीति की रीति भलि।*
*बिलग होइ रसु जाइ, कपट खटाई परत पुनि॥*

प्रीति की सुन्दर रीत देखिये कि जल भी दूध के साथ मिलकर दूध के समान बिकता है, परन्तु कपट रूपी खटाई पड़ते ही जल अलग हो जाता है (दूध फट जाता है) एवं स्वाद (प्रेम) जाता रहता है।

Look at the beautiful way of Love that water is sold as milk while mixed with milk, but by citrus (deceit) milk and water separates and the taste (love) vanishes.

*परमात्मा के प्रति अटूट एवं गहन विश्वास के प्रतीक पर्व होलिका दहन की असीम शुभकामनाएँ।*

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