*परोपकाराय फलन्ति वृक्षा:, परोपकाराय वहन्ति नद्य:।*
*परोपकाराय दुहन्ति गाव:, परोपकाराय मिदं शरीरम्॥*
वृक्ष परोपकार के लिए ही फलते हैं।नदी परोपकार के लिए ही बहती है।गाय परोपकार के लिए दूध देती है।इसी प्रकार इस शरीर की सार्थकता परोपकार में ही है।
Trees are flourishing for charity.
River flows for charity.
Cows give milk for charity.
The significance of the body is in charity.
शुभ दिन हो।
🌸💐🌹🙏🏼
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