Thursday, March 5, 2020

जय श्री कृष्णा

*सत्यं माता पिता ज्ञानं धर्मो  भ्राता दया सखा।*
*शान्तिः पत्नी क्षमा पुत्रः षडेते  मम बान्धवाः।।*

सत्यवादिता (सच बोलना) मेरी माता के समान है, ज्ञान मेरे पिता के समान है। धार्मिक आचरण मेरे भाई के समान है तथा दया की भावना मेरे मित्र के समान है। मानसिक शान्ति मेरी पत्नी के तुल्य है तथा क्षमा की भावना मेरे पुत्र के समान है। ये छ: मेरे बन्धु बान्धव हैं।

Truthfulness is like my mother and  higher Knowledge is like my father. Religious austerity is like my brother and mercy and compassion is like my friend. Peace of mind is like my wife and forgiveness is like my son. All these six persons are my close relatives and friends.

युधिष्ठिर के इस कथन के अनुसार हमें भी इन को अपना परिजन मानते हुए इनका भली भाँति ध्यान रखना चाहिए।

शुभ दिन हो।

🌸🌺💐🙏🏻