Sunday, March 6, 2022

हर हर महादेव

*ब्यापि रहेउ संसार महुँ, माया कटक प्रचंड।*
*सेनापति कामादि भट, दंभ कपट पाषंड॥*
*सो दासी रघुबीर कै समुझें मिथ्या सोपि।*
*छूट न राम कृपा बिनु नाथ कहउँ पद रोपि॥*

रामचरितमानस : उत्तरकाण्ड।

कागभुशुण्डि एवं गरुड़ संवाद।
माया की प्रचंड सेना संसार भर में फैली हुई है। कामादि (काम, क्रोध और लोभ) उसके सेनापति हैं और दम्भ, कपट, पाखंड आदि योद्धा हैं।
यह माया श्री रघुवीर की दासी है। यद्यपि समझ लेने पर यह माया मिथ्या है, किंतु श्री राम की कृपा के बिना इस माया से नहीं बचा जा सकता। हे नाथ! यह मैं प्रतिज्ञा करके कहता हूँ।

Maya's mighty army is spread all over the world. Lust, Anger and Greed are its commanders and arrogance, deceit, hypocrisy etc. are warriors.
This Maya is maidservant of Shri Raghuveer. Although this maya is false when understood, but without the grace of Shri Ram, this maya cannot be avoided.

राम कृपा से जीवन बदलें,
राम कृपा हृदय बसा लें।

आज उत्तरप्रदेश के 54 निर्वाचन क्षेत्रों में होने वाले चुनाव में अवश्य मतदान करें।

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