Friday, September 9, 2022

क्षमा

*क्षमा वीरस्य भूषणं।*

क्षमा (करना एवं माँगना दोनों) साहसी एवं वीर हृदय के व्यक्तियों का आभूषण है।

To apologize and to forgive, both are courageous acts.

क्षमापना के महापर्व पर, अपनी अज्ञानता (अनजाने) एवं अहम (जानते हुए भी) के कारण आपके प्रति किये गये किसी भी ऐसे व्यवहार के लिए, जिससे आपको कष्ट हुआ हो, मैं हृदय से क्षमा माँगता हूँ।

*क्षमा कर्म से क्षमा वचन से क्षमा हृदय से चाहूँ मैं,*
*क्षमा वीर ही परम वीर है, क्षमा आपसे चाहूँ मैं,*
*एक अहम है ज्ञान विषम है, भूल अवश्यम्भावी है,*
*स्नेह आपका सम्बल मेरा, क्षमा जोड़ कर चाहूँ मैं।*

🙏🏼 *मिच्छामि दुक्कड़म* 🙏🏼

I apologize for all my deeds knowingly or unknowingly that hurt you on this occasion of *Kshmawaani*.

आज से प्रारम्भ श्राद्ध पक्ष में हम अपने पूर्वजों के सूक्ष्म स्नेहाशीष अनुभव करें।

🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼