Wednesday, September 29, 2021

उत्साह

*उत्साहो बलवानार्य नास्त्युत्साहात्परं बलम्।*
*सोत्साहस्य च लोकेषु न किंचिदपि दुर्लभम्॥*
वाल्मीकि रामायण : किष्किन्धा काण्ड ; १/१२१

उत्साह पुरुषों का बल है, उत्साह से बढ़कर और कोई बल नहीं है। उत्साहित व्यक्ति के लिए इस लोक में कुछ भी दुर्लभ नहीं है। 

Enthusiasm is the power of men. Nothing is as powerful as enthusiasm. Nothing is difficult in this world for an enthusiastic person.

स्वस्थ रहें।

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Monday, September 20, 2021

कर्म

*यथा  धेनु  सहस्रेषु  वत्सो गच्छति  मातरम्|*
*तथा  यच्च  कृतं  कर्म  कर्तारमनुगच्छति||*
चाणक्य नीति (१३/१५)

जिस प्रकार हजारों गायों के एक समूह में उनके बछडे अपनी अपनी माताओं को ढूढ कर उनके पास चले जाते हैं, उसी प्रकार किसी व्यक्ति द्वारा किये गये कर्म भी उस के पीछे पीछे उस का अनुसरण करते हैं, अर्थात किये गये अच्छे या बुरे कर्मों के परिणाम उसी को ही भोगने पडते हैं।

In a herd of thousands of cows their calves recognise their respective mothers and then follow
them, in the same manner the deeds done by a person follow him thereby implying that ultimately he has to face the consequences of good or bad deeds done by him.

कर्मों का फल नहीं टरे,
निज कर्मों का ध्यान करें।

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Sunday, September 19, 2021

गणपति बप्पा मोरया

*यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।*
*इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥*

पिछले 10 दिवस के भगवान गणेश के सामीप्य एवं आतिथ्य के आनंद को सम्पूर्णता देते हुए भावपूर्ण विसर्जन कर अगले बरस फिर आने की विनम्र प्रार्थना करते हैं।

*अनंत चतुर्दशी पर विघ्नहर्ता गणेश हम सभी के विघ्न दूर करें एवं जीवन को मंगलमय बनाए।*

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Wednesday, September 15, 2021

ॐ नमो भगवते वासुदेव

*योगस्थ: कुरु कर्माणि संग्ङंत्यक्त्वा धनंजय।*
*सिद्ध्यसिद्ध्यो: समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते॥*
गीता अध्याय २ श्लोक ४८

परमयोगीश्वर भगवान कृष्ण समझा रहे हैं कि
हे धनंजय। कर्म न करने का आग्रह त्यागकर, सफलता असफलता, यश-अपयश के विषय में समबुद्धि होकर योग युक्त होकर, कर्म कर, (क्योंकि) समत्व को ही योग कहते हैं।

We should perform
our duties established in Yoga, renouncing attachment, and eventempered in success and failure; Envenness of temper is called yoga.

*कर्तव्य सदा निर्वाह करें,*
*व्यस्त रहें हम स्वस्थ रहें।*

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Tuesday, September 14, 2021

जय गणपति

*यमर्थसिध्दि: परमा न मोहयेत्*
*तथैव काले व्यसनं न मोहयेत्।*
*सुखं च दु:खं च तथैव मध्यमं*
*निषेवते य: स धुरन्धरो नर:॥*

जिसको सफलता, विफलता विचलित न कर सके,
किसी समय विपत्ति भी विचलित न कर सके तथा जो सुख दु:ख को और उनके बीच की स्थिति को समय के अनुसार सहन कर लेता है, वही मनुष्य धुरन्धर अथवा नेतृत्व करने वाला होता है।

One who is not affected with success and failure, is not affected by any misfortune, and who manages in joy and grief and the mean time equally is the true leader.

सफल विफल से न डरें हम,
श्रेष्ठ बनें नेतृत्व करें हम,
*व्यस्त रहें हम स्वस्थ रहें हम।*

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Monday, September 13, 2021

हिंदी दिवस की शुभकामनाएं

*निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।* 
*बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।*
भारतेन्दु हरिश्चंद्र।

भारत में हिंदी को एक संवैधानिक भाषा के रूप में आज के दिन वर्ष 1949 में अपनाया गया। 
आएँ आज हिंदी दिवस पर हम हिंदी का अधिकाधिक प्रयोग करने हेतु प्रतिबद्ध हों, संकल्पित हों।

*हम हिंदी में काम करें,*
*हिंदी पर अभिमान करें,*

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Thursday, September 9, 2021

श्री गणेश चतुर्थी

*एकदन्तं महाकायं लम्बोदर गजाननम्।*
*विध्ननाशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥*

एक दाँत से सुशोभित, विशाल शरीर वाले, बड़े उदर वाले (सभी बातों को उदरस्थ करने वाले), गज के मुख वाले एवं समस्त विघ्नों के विनाशकर्ता दिव्य भगवान हेरम्ब को प्रणाम करता हूँ।

आएँ हम आज *गणेश चतुर्थी* इस विशेष अवसर पर अपने जीवन में गणेश को स्थापित करें एवं भगवान हेरम्ब हमारे सभी कार्यों को अभीष्ट सफलता प्रदान करे। 

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Wednesday, September 8, 2021

हरतालिका तीज

*इहैव तैर्जितः सर्गो येषां साम्ये स्थितं मनः।*
*निर्दोषं हि समं ब्रह्म तस्माद्ब्रह्मणि ते स्थिताः।।*
गीता : अध्याय ५, श्लोक १९।

जिस मनुष्य का मन सम-भाव में स्थित रहता है, उसके द्वारा जन्म-मृत्यु के बन्धन रूपी संसार को जीत लिया जाता है क्योंकि वह ब्रह्म के समान निर्दोष एवं सम होता है और सदा परमात्मा में ही स्थित रहता है।

तुलसीदास जी ने भी इस तथ्य को सरल शब्दों में कहा है:
*समरथ कहुँ नहि दोष गुसाईं।*
*रवि पावक सुरसरि की नाईं।*
  
Those whose minds are established in sameness and equanimity have already conquered the conditions of birth and death. They are flawless like Almighty, and thus they are already situated in Almighty.

आज *हरतालिका तीज* पर माँ भवानी सभी अभीष्ट प्रदान करें, ऐसी शुभकामनाएँ।

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Saturday, September 4, 2021

शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं

*अपूर्व: कोपि कोशोयं विद्यते तव भारति।*
*व्ययतो वृद्धिमायाति क्षयमायाति संचयात्॥*

विद्या रूपी कोष अपूर्व है, आश्चर्य जनक है। विद्या का उपयोग करने से एवं दूसरों में बाँटने से वह बढ़ती है। इसके विपरीत संग्रहित करने से क्षीण होती जाती है।

The knowledge has different characteristics. It increases while being spent and decreases while being kept unused.

शिक्षा का उपयोग करें,
अधिकाधिक सहयोग करें,
सीखें भी सिखलाएँ भी,
विद्या को फैलाएँ भी।

आज *शिक्षक दिवस* पर सभी सीखाने वाले शिक्षकों को नमन करते हुए शिक्षा के अधिकाधिक प्रचार प्रसार हेतु संकल्पित हों।

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