Sunday, September 25, 2022

माँ आदिशक्ति के शैलपुत्री स्वरूप को नमन।

*शिवः शक्त्या युक्तो यदि भवति शक्तः प्रभवितुं,*
*न चेदेवं देवो न खलु कुशलः स्पन्दितुमपि।*

शंकराचार्य कृत सौंदर्य लहरी प्रथम श्लोक।

शक्ति के साथ जुड़ जाने से ही शिव की सक्रियता है अन्यथा वह हिल भी नहीं सकते, स्पंदित भी नहीं हो सकते। बिना शक्ति की सहायता के शिव शव की भाँति निष्क्रिय हैं। शक्ति से ही सक्रियता उत्पन्न होती है और उसी आधार पर सफलता मिलती है।
 
Shiva united with Shakti becomes able to manifest, otherwise, Shiv can not even pulsate and is a cadaver. Shakti gives action and action gives success.

*शक्ति संचयन के महापर्व शारदीय नौरात्रि में माँ आदिशक्ति के नौ स्वरूपों का पूजन अर्चन कर हम अपनी शक्तियों को संचित करें। माँ हम सभी को स्वास्थ्य, शक्ति एवं समृद्धि प्रदान करे।*

*माँ आदिशक्ति के शैलपुत्री स्वरूप को नमन।*

*आदर्श समाजवाद के प्रणेता अग्रसेन महाराज की जयन्ती पर समाज को संगठित एवं सामर्थ्यवान बनाने का संकल्प लें।*

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