Monday, December 27, 2021

भक्ति

*जाति पाँति कुल धर्म बड़ाई।*
*धन बल परिजन गुन चतुराई॥*
*भगति हीन नर सोहइ कैसा।*
*बिनु जल बारिद देखिअ जैसा॥*
रामचरित मानस : अरण्य कांड।

भक्ति की महिमा बताते हुए गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा चाहे मनुष्य जाति, पाँति, कुल, धर्म, बड़ाई, धन, बल, कुटुम्ब, गुण और चतुरता आदि से सज्जित हो किन्तु भक्ति से रहित है, तो वह एक जलहीन बादल के समान शोभाहीन दिखाई पड़ता है।

A person who is having a good race, power, religion, magnificence, wealth, strength, family, virtues and cleverness, but is devoid of devotion, then he is like a meager cloud.
 
*भक्ति से शोभा जीवन की,*
*कर लें भक्ति सदा परम की,*
*स्वस्थ रहें हम रहें भक्ति मय,*
*काहे चिन्ता सुख साधन की।*

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Saturday, December 25, 2021

महत्त्व

*उपभोग कातराणां पुरुषाणामर्थसंचयपराणां।*
*कन्यामणिरिव सदने तिष्ठत्यर्थ: परस्यार्थे।।*

अपने परिश्रम द्वारा संपत्ति अर्जित करने में कुशल किंतु उसका उपभोग करने से डरने वाले व्यक्तियों की संपत्ति उनके घर में उनकी एक मणि के समान मूल्यवान और सुन्दर कन्या के समान रहती है, जो अन्ततः (विवाहित हो कर) किसी दूसरे के घर में चली जायेगी।

Those persons who are expert in acquiring wealth but are afraid of enjoying it by conspicuous consumption, their wealth is like their daughter, beautiful and precious like a jewel, who will ultimately (on being married) go to another household.

पुरुषार्थ करें हम अर्थ कमाएँ,
उपभोग साथ में करते जाएँ,
धन का क्या है कब ठहरा है,
अर्थ यही हम अर्थ कमाएँ।

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Friday, December 24, 2021

सदैव शुभ

*ऐश्वर्येऽपि क्षमा यस्य दारिद्र्येऽपि हितैषिता।*
*आपत्तावपि  धीरत्वं  दधतो  मर्त्यता कथं।।*

जो व्यक्ति ऐश्वर्यवान होते हुए भी क्षमाशील होते हैं, दरिद्र होते हुए भी अन्य व्यक्तियों की सहायता को सदैव तत्पर रहते हैं, तथा विपत्ति आने पर भी अपना धैर्य नहीं खोते हैं तो वे भला मृत्यु से क्यों भयभीत होंगे?

Those persons who in spite of being powerful and prosperous are also forgiving in nature, in spite of being poor are always ready to help others, and remain courageous and firm even while facing a calamity, why will they be afraid of their mortality?

क्षमा करें हम धैर्य धरें,
मन में करुणा भाव भरें,
हम सब अंश परम के हैं,
 हम अनिष्ट से नहीं डरें।

आज भारत रत्न *महामना पंडित मदन मोहन मालवीय* एवं *अटल बिहारी वाजपेयी* के जन्मदिवस पर राष्ट्रहित हेतु संकल्पित हों।

प्रभु *यीशु* के जन्मदिन की शुभेच्छाएँ।

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