Tuesday, November 12, 2019

व्यर्थ

*ऊसरो च क्षेत्रेषु यथा बीजो हि निष्फलं।*
*उपकारोऽपि नीचानां कृतो भवति तादृशः।।*

जिस प्रकार एक ऊसर खेत में फसल उगाने के लिये बीज बोना व्यर्थ होता है (क्योंकि खेत की मिट्टी में नमक की मात्रा अत्यधिक होने से उस में कोई फसल नहीं उग सकती है), उसी प्रकार नीच व्यक्तियों के प्रति कोई उपकार करना भी व्यर्थ ही होता है।

Just as it is useless to sow seeds in a farm having saline soil (unfit for cultivation) where no crop can grow, similarly the   favours done to wicked and mean persons are also useless and do not bear any fruitful results.

शुभ दिन हो।

🌸🌹💐🙏🏼