Tuesday, November 5, 2019

प्रार्थना

*आकाशात् पतितं तोयं यथा गच्छति सागरम्।*
*सर्वदेवनमस्कार: केशवं प्रति गच्छति॥*

जिस प्रकार आकाश से गिरा जल विविध नदियों के माध्यम से अंतत: सागर से जा मिलता है, उसी प्रकार उपासना प्रार्थना किसी भी रूप की की जाए, परम् सत्ता को प्राप्त होती है।

As the water falls down in rain, through different rivers, finally reaches the Ocean, the worship of any divine aspect ultimately reaches the Supreme Being.

शुभ दिन हो।

🌺🌸💐🙏🏼