Wednesday, December 25, 2019

परमतत्व

*तृषा जाइ बरु मृगजल पाना।* *बरु जामहिं सस सीस बिषाना।*
*अंधकारु बरु रबिहि नसावै।*
*राम बिमुख न जीव सुख पावै॥*
रामचरितमानस : उत्तर काण्ड।

तुलसीदास जी ने परम् तत्व से विमुख होकर सुखी होना नितान्त असम्भव कहा है चाहे नाना प्रकार के असम्भव कार्यों के होने की सम्भावना हो। यथा मरीचिका (मृगतृष्णा) के जल को पीने से भले ही प्यास बुझ जाए, खरगोश के सिर पर भले ही सींग निकल आवे, अन्धकार भले ही सूर्य का नाश कर दे, परन्तु श्री राम से परमतत्व से विमुख होकर जीव सुख नहीं पा सकता।

Even thirst can be satisfied with water from Miraz, a hare can get thrones on its head, dark can destroy the Sun, But no one can get pleasure being against the path of God.

शुभ दिन हो।

🌺🌸💐🙏🏻

Tuesday, December 24, 2019

दान

*दातव्यं भोक्तव्यं धनविषये संचयो न कर्तव्य:।*
*पश्येह मधुकरीणां संचितार्थ हरन्त्यन्ये।।*

दान कीजिये अथवा उपभोग, किन्तु धन का संचय न कीजिये।
मधुमक्खी का संचित मधु कोर्इ और ले जाता है।

The best use of wealth is to be donated or to be used. but not to be accumulated. The honey accumulated by honeybees is taken by others.

शुभ दिन हो।

🌸🌹💐🙏🏼

Sunday, December 22, 2019

क्रोध

*क्रोधमुग्धधियां नैव सुखं कालत्रयेऽपि च।*
*दृष्टं कदाप्युलूकानां क्रीडनं फुल्लपङ्कजे।।*

जिन व्यक्तियों का मन सदा क्रोध से भरा रहता है उन्हें न तो वर्तमान में और न ही भविष्य में सुख प्राप्त होता है। क्या कभी उल्लुओं को खिले हुए कमल के फूलों से भरे हुए किसी सरोवर में क्रीड़ा करते हुए देखा है?

Those persons whose mind is always in a state of bewilderment due to their angry nature, neither feel happy and comfortable at present nor in the future. Has any one ever seen owls enjoying the blooming lotus flowers in a lake? 

क्रोध से बचें।

शुभ दिन हो।

🌹🌺💐🙏🏼

लोक कल्याण

*ये पायवो मामतेयं ते अग्ने, पश्यन्तो अन्धं दुरितादरक्षन्।*
*ररक्ष तान्त्सुकृतो विश्ववेदा, दिप्सन्त इद्रिपवो नाह  देभुः।।*
( ऋग्वेद  1/147/3  )     

परोपकार और परमार्थ के कार्यों में निंदा, लांक्षन, उपहास आदि का भय नहीं करना चाहिए। ऐसे मनुष्यों की रक्षा स्वयं परमात्मा करता है। अतः निश्चिंत होकर लोक - कल्याण में लगे रहना चाहिए।

While doing charity and welfare for others, one should not bother about condemnation, to be ridiculed or taunted, as Almighty himself do care for him. So we should do noble deeds freely.

शुभ दिन हो।

💐🌺🌹🙏🏻

Thursday, December 19, 2019

अभिमान

*सुनहु राम कर सहज सुभाऊ।* 
*जन अभिमान न राखहिं काऊ॥*
*संसृत मूल सूलप्रद नाना।* 
*सकल सोक दायक अभिमाना॥*

ईश्वर परमसत्ता (श्री राम) का सहज स्वभाव है कि वे अपने भक्त में अभिमान कभी नहीं रहने देते, क्योंकि अभिमान जन्म-मरण रूपी संसार का मूल है और अनेक प्रकार के क्लेशों तथा समस्त दुखों का देने वाला है॥

The arrogance is the root cause of all miseries and conflicts, so the Almighty first removes arrogance from his devotees.

अभिमान त्यागें।

शुभ दिन हो।

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परोपकार

*परोपकाराय फलन्ति वृक्षा:, परोपकाराय वहन्ति नद्य:।*
*परोपकाराय दुहन्ति गाव:, परोपकाराय मिदं शरीरम्॥*

वृक्ष परोपकार के लिए ही फलते हैं।नदी परोपकार के लिए ही बहती है।गाय परोपकार के लिए दूध देती है।इसी प्रकार इस शरीर की सार्थकता परोपकार में ही है।

Trees are flourishing for charity. 
River flows for charity.
Cows give milk for charity. 
The significance of the body is in charity.

शुभ दिन हो।

🌸💐🌹🙏🏼

Tuesday, December 17, 2019

योग्यता

*नाभिषेको न संस्कार: सिंहस्य क्रियते मृगैः।*
*विक्रमार्जितराज्यस्य स्वयमेव मृगेंद्रता।।*

जंगल में पशु, शेर का संस्कार करके या उसपर पवित्र जल का छिड़काव करके उसे राजा घोषित नहीं करते बल्कि शेर अपनी क्षमताओं और योग्यता के बल पर स्वयं ही राजत्व स्वीकार करता है।

Animals do not coronate a lion through sprinkling holy water on him and conducting certain rituals. Lion assumes kingship (effortlessly) through his own prowess. 

Great people do their work  and find their true places in life without any titles and appreciations.

शुभ दिन हो।

🌺🌸💐🙏🏼

Monday, December 16, 2019

आचरण

*मानहिं मातु पिता नहिं देवा। साधुन्ह सन करवावहिं सेवा॥*
*जिन्ह के यह आचरन भवानी। ते जानेहु निसिचर सब प्रानी॥*

निशिचरों अर्थात् असुरों की पहचान बताते हुए रामचरितमानस में तुलसीदास जी बताते हैं कि जो अपने माता पिता को ईश्वर तुल्य नहीं मानते और साधुओं एवं सज्जन पुरुषों (की सेवा करना तो दूर, उल्टे उन) से सेवा करवाते हैं, ऐसे आचरण के सब प्राणियों को राक्षस ही समझना चाहिए।

Persons who do not respect their parents and guardians and do not serve nobles, saints are to be considered as devils.

माता पिता एवं गुरुओं का सम्मान करें।

शुभ दिन हो।

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Sunday, December 15, 2019

विद्वता

*द्वेष्यो न साधुर्भवति न मेधावी न पण्डित:।*
*प्रिये शुभानि कार्याणि द्वेष्ये पापानि चैव ह।।*

When one hates a person he never regards him as
honest, intelligent or wise. One attributes everything
good to him that he loves and evil to him that one hates.

यदि कोई किसी से घृणा करता है, तो उसकी ईमानदारी, विद्वता एवं बुद्धिमानी का भी सम्मान नही करता है, जबकि अपने प्रिय को सभी अच्छा एवं अप्रिय को बुरा बताते हैं।

शुभ दिन हो।

🌺🌷💐🙏🏼

Saturday, December 14, 2019

ज्ञानी

*यस्य सर्वे समारम्भा: कामसंकल्पवर्जिता:।*
*ज्ञानग्निदग्धकर्माणं तमाहु: पण्डितं बुधा:।।*
गीता : अध्याय ४, श्लोक १९।

जिसके सम्पूर्ण कर्म शास्त्रसम्मत, बिना कामना और संकल्प के होते हैं तथा जिसके समस्त कर्म ज्ञानरूप अग्नि के द्वारा भस्म हो गये हैं, उस महापुरुष को ज्ञानीजन भी पण्डित कहते हैं।

Even the wise call him a sage, whose undertaking are free from all desire and thoughts of the world, and whose actions are burnt up by the fire of wisdom.

शुभ दिन हो।

🌸🌺💐🙏🏻