Wednesday, November 3, 2021

दीपावली की शुभकामनाएं

*दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।*
*दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते।।*

*तमसो मा ज्योतिर्गमय*

अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ें।

Come, walk towards LIGHT from Darkness.

*दीप पर्व है दीप जलाएँ,*
*अंधकार को आज हराएँ,*
*आलोकित करने हर जीवन,*
*आएँ हम दीपक बन जाएँ।*

उत्साह, उमंग, आलोक के इस महापर्व *दीप पर्व* पर हम सभी के जीवन में दैवीय प्रकाश बढ़े, यही प्रार्थना।

*शुभ दीपावली*
*स्वस्थ दीपावली*
*मंगल दीपावली*

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Tuesday, November 2, 2021

शुभ छोटी दीपावली

*अग्निर्देवो द्विजातीनां, मुनीनां हृदि दैवतम्।*
*प्रतिमा स्वल्पबुद्धीनां, सर्वत्र समदर्शिनः।।*
चाणक्य नीति

द्विजों अथवा ब्राह्मणों के लिए अग्नि भगवान है। 
मुनियों का भगवान उनके हृदय में स्थित है। 
अल्पबुद्धि लोगों का भगवान प्रस्तर प्रतिमा अर्थात मूर्ति में स्थित है। 
और जो समदर्शी हैं उनके लिए भगवान सर्वत्र हैं।

For the brahmins, fire is God; 
for the ascetics, the Lord is in their hearts; for those with little insight, it is in the statue; for those with equanimity, He is everywhere!

पञ्च दिवसीय सम्पूर्ण महापर्व *दीपावली* (स्वास्थ्य, रूप, समृद्धि, उल्लास एवं सुरक्षा हेतु आराधना का पर्व) के द्वितीय दिवस *रूप चतुर्दशी*, काली चौदस एवम् छोटी दीपावली पर हम सभी स्वस्थ एवं रूपवान बनें।

🙏🏼🙏🏼 *शुभ दीपावली* 🙏🏼🙏🏼

Monday, November 1, 2021

शुभ धनतेरस

*सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया।* 
*सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।*

सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।

May all be happy, be free from all diseases, be a witness to all auspicious and no one has to become a partaker of sorrow.

पञ्च दिवसीय सम्पूर्ण महापर्व *दीपावली* (स्वास्थ्य, रूप, समृद्धि, उल्लास एवं सुरक्षा हेतु आराधना का पर्व) के प्रथम दिवस, भगवान धन्वन्तरि के प्राकट्य दिवस *धनतेरस* पर हम सभी स्वास्थ्य रूपी धन से पूरित हों।

🙏🏼🙏🏼 *शुभ धनतेरस* 🙏🏼🙏🏼

Sunday, October 31, 2021

प्रभु भक्ति

*ऊँ विश्वानि देव सवितर्दुरितानि परा सुव।*
*यद् भद्रं तन्न आ सुव।।*

ऋग्वेद : मण्डल ५, सूक्त ८२/५.

हे सब सुखों के दाता ज्ञान के प्रकाशक सकल जगत के उत्पत्तिकर्ता एवं समग्र ऐश्वर्ययुक्त परमेश्वर! आप हमारे सम्पूर्ण दुर्गुणों, दुर्व्यसनों और दु:खों को दूर कीजिये, और जो कल्याणकारक गुण, कर्म, स्वभाव, सुख और पदार्थ हैं, हमें प्रदान कीजिये।

O the giver of all pleasures, the illuminator of knowledge, the creator of the whole world and the God of all opulence! Kindly take away all our vices, addictions and sorrows, and bestow upon us the beneficial qualities, deeds, nature, pleasures and substances.

आज *रमा एकादशी* से प्रारम्भ होने वाले दीपों के महोत्सव में माँ लक्ष्मी हम सभी को स्वस्थ और समृद्ध बनाए।

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Thursday, October 28, 2021

जय माँ

*अपवक्ता हृदयाविजश्चित्।* (ऋग्वेद 1/24/8)

उन सभी कुत्सित विचारों को त्याग दीजिये जो आत्मा को कष्ट दे अथवा नष्ट कर दे।

Abandon all sorrowful thoughts which may trouble or destroy the soul.

*हम ईश्वर की संतानें,*
*नित्य स्वयं को पहचानें।*

स्वस्थ रहें।

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Wednesday, October 27, 2021

स्वयं

*मुक्ताभिमानी मुक्तो हि बद्धो बद्धाभिमान्यपि।*
*किवदन्तीह सत्येयं या मतिः सा गतिर्भवेत्॥१-११॥*
अष्टावक्र गीता

स्वयं को मुक्त मानने वाला मुक्त ही है और बद्ध मानने वाला बंधा हुआ ही है, यह कहावत सत्य है कि जैसी बुद्धि होती है वैसी ही गति होती है।

If you think you are free you are free. If you think you are bound you are bound. It is rightly said: You become what you think.

*ईश पुत्र हम मानें हम,*
*निज मन को पहचानें हम,*
*मुक्त स्वयं को समझें हम,*
*स्वयं स्वयं को जानें हम।*

आज *अहोई अष्टमी* पर सभी संतानों के स्वास्थ्य की रक्षा हो एवं व्रतधारिणी माताओं के अभीष्ट पूर्ण हों।

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Tuesday, October 26, 2021

आचरण

*आचाराल्लभते आयु: आचारादीप्सिता: प्राजा:,*
*आचाराद्धनमक्षय्यम् आचारो हन्त्यलक्षणम्।।*

अच्छे आचरण अर्थात सदव्यवहार से दीर्घ आयु, श्रेष्ठ सन्तति, चिर समृद्धि प्राप्त होती है, तथा अपने दोषों का भी नाश होता है। प्रत्येक परिस्थिति हमारे हाथ में नहीं किन्तु हमारा आचरण हमारे वश में है।

Good conduct means good behavior, gives longevity, great progeny, everlasting prosperity, and also destroys one's own faults. Every situation is not in our hands but our conduct is under our control.

*व्यवहार हमारा अच्छा हो,*
*व्यवहार हमारा सच्चा हो,*
*हम स्वच्छ रहें हम स्वस्थ रहें,*
*हम व्यस्त रहें हम मस्त रहें।*

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Monday, October 25, 2021

अहम से बचे

*प्रकृते: क्रियमाणानि गुणै: कर्माणि सर्वश:।*
*अहंकारविमूढात्मा कर्ताहमिति मन्यते।।*
गीता : अध्याय ३, श्लोक २७।

वास्तव में सम्पूर्ण कर्म सब प्रकार से प्रकृति के गुणों द्वारा किये जाते हैं तथापि जिसका अन्त:करण अहंकार से मोहित हो रहा है, ऐसा अज्ञानी 'मैं कर्ता हूँ' ऐसा मानता है।

All actions are being performed by the modes of nature (Primordial matter). The foolish, whose mind is deluded by egoism, thinks: “I am the doer".

अहम से बचें, परम को समझें,
मैं करता हूँ, यह न समझें,
स्व में स्थित स्वस्थ रहें।

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Saturday, October 23, 2021

करवा चौथ

रामचरितमानस में तुलसीदास जी ने शक्ति स्वरूपा नारी को नमन करते हुए कहा है:

*उद्भवस्थितिसंहारकारिणी क्लेशहरिणीम्।*
*सर्वश्रेयस्कारीं सीता नतोऽहं रामवल्लभाम्।।*

उत्पत्ति, स्थिति (पालन) और संहार करने वाली, क्लेशों को हरने वाली तथा समस्त कल्याणों को करने वाली स्वयम् भगवन को प्रिय नारी शक्ति को मैं नमन करता हूँ।

I salute the woman, symbol of power of creation, adherence and destruction, defeating afflictions and doing all the welfare. At last GOD's love, o woman! I bow myself to you.

अपने जीवनसाथी की स्वस्थ एवं दीर्घ जीवन हेतु एक नारी निर्जल कठोर तप करती है, आज *करवा चौथ* व्रतधारी सभी नारियों की मनोकामना माँ भवानी पूर्ण करे एवं उन्हें भी स्वस्थ एवं दीर्घ जीवन प्रदान करें।

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Friday, October 22, 2021

परम सत्ता

*सगुनहि अगुनहि नहिं कछु भेदा।* *गावहिं मुनि पुरान बुध बेदा॥*
*अगुन अरूप अलख अज जोई।* *भगत प्रेम बस सगुन सो होई॥*

रामचरितमानस में परम सत्ता के सगुण और निर्गुण (निराकार एवं साकार) रूप में कोई भेद नहीं बताया है।
परम सत्ता, जो निर्गुण, अरूप (निराकार), अलख (अव्यक्त) और अजन्मा है, वही भक्तों के प्रेमवश सगुण रूप धारण करती है। 
अर्थात् भावना की प्रखरता सूक्ष्म चेतना को स्थूल स्वरूप में अवतरित कर देती है।

In the form of saguna and nirguna (formless and true) of supreme power, there is not described any distinction.

The supreme power, which is Nirguna, Arup (formless), Alakh (latent) and unborn, holds the Saguna form due to love for the devotees. 
*The intensity of the perception and belief transforms the subtle consciousness into a gross form.*

स्वस्थ रहें।

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