Thursday, December 19, 2019

परोपकार

*परोपकाराय फलन्ति वृक्षा:, परोपकाराय वहन्ति नद्य:।*
*परोपकाराय दुहन्ति गाव:, परोपकाराय मिदं शरीरम्॥*

वृक्ष परोपकार के लिए ही फलते हैं।नदी परोपकार के लिए ही बहती है।गाय परोपकार के लिए दूध देती है।इसी प्रकार इस शरीर की सार्थकता परोपकार में ही है।

Trees are flourishing for charity. 
River flows for charity.
Cows give milk for charity. 
The significance of the body is in charity.

शुभ दिन हो।

🌸💐🌹🙏🏼

Tuesday, December 17, 2019

योग्यता

*नाभिषेको न संस्कार: सिंहस्य क्रियते मृगैः।*
*विक्रमार्जितराज्यस्य स्वयमेव मृगेंद्रता।।*

जंगल में पशु, शेर का संस्कार करके या उसपर पवित्र जल का छिड़काव करके उसे राजा घोषित नहीं करते बल्कि शेर अपनी क्षमताओं और योग्यता के बल पर स्वयं ही राजत्व स्वीकार करता है।

Animals do not coronate a lion through sprinkling holy water on him and conducting certain rituals. Lion assumes kingship (effortlessly) through his own prowess. 

Great people do their work  and find their true places in life without any titles and appreciations.

शुभ दिन हो।

🌺🌸💐🙏🏼

Monday, December 16, 2019

आचरण

*मानहिं मातु पिता नहिं देवा। साधुन्ह सन करवावहिं सेवा॥*
*जिन्ह के यह आचरन भवानी। ते जानेहु निसिचर सब प्रानी॥*

निशिचरों अर्थात् असुरों की पहचान बताते हुए रामचरितमानस में तुलसीदास जी बताते हैं कि जो अपने माता पिता को ईश्वर तुल्य नहीं मानते और साधुओं एवं सज्जन पुरुषों (की सेवा करना तो दूर, उल्टे उन) से सेवा करवाते हैं, ऐसे आचरण के सब प्राणियों को राक्षस ही समझना चाहिए।

Persons who do not respect their parents and guardians and do not serve nobles, saints are to be considered as devils.

माता पिता एवं गुरुओं का सम्मान करें।

शुभ दिन हो।

🌺🌸💐🙏🏼

Sunday, December 15, 2019

विद्वता

*द्वेष्यो न साधुर्भवति न मेधावी न पण्डित:।*
*प्रिये शुभानि कार्याणि द्वेष्ये पापानि चैव ह।।*

When one hates a person he never regards him as
honest, intelligent or wise. One attributes everything
good to him that he loves and evil to him that one hates.

यदि कोई किसी से घृणा करता है, तो उसकी ईमानदारी, विद्वता एवं बुद्धिमानी का भी सम्मान नही करता है, जबकि अपने प्रिय को सभी अच्छा एवं अप्रिय को बुरा बताते हैं।

शुभ दिन हो।

🌺🌷💐🙏🏼

Saturday, December 14, 2019

ज्ञानी

*यस्य सर्वे समारम्भा: कामसंकल्पवर्जिता:।*
*ज्ञानग्निदग्धकर्माणं तमाहु: पण्डितं बुधा:।।*
गीता : अध्याय ४, श्लोक १९।

जिसके सम्पूर्ण कर्म शास्त्रसम्मत, बिना कामना और संकल्प के होते हैं तथा जिसके समस्त कर्म ज्ञानरूप अग्नि के द्वारा भस्म हो गये हैं, उस महापुरुष को ज्ञानीजन भी पण्डित कहते हैं।

Even the wise call him a sage, whose undertaking are free from all desire and thoughts of the world, and whose actions are burnt up by the fire of wisdom.

शुभ दिन हो।

🌸🌺💐🙏🏻

Friday, December 13, 2019

सत्य वचन

*सत्यस्य वचनं श्रेयः सत्यादपि हितं वदेत्।*
*यद्भूतहितमत्यन्तं एतत् सत्यं मतं मम्।।* 

यद्यपि सत्य वचन बोलना श्रेयस्कर है तथापि उस सत्य को ही बोलना चाहिए जिससे सर्वजन का कल्याण हो। मेरे (अर्थात् श्लोककर्ता नारद के) विचार से तो जो बात सभी का कल्याण करती है वही सत्य है।

Though telling the TRUTH is good but only that truth must be spoken which can benefit all. As per speaker of this quote (Narad muni), that benefits all is only the Truth.

शुभ दिन हो।

🌸🌹💐🙏🏼

Thursday, December 12, 2019

क्रोध व लोभ

*क्रोधः सुदुर्जयः शत्रुः लोभो व्याधिरनन्तकः।।*

मनुष्य के स्वभाव में क्रोध एक ऐसे शत्रु के समान है जिस पर विजय प्राप्त करना बहुत कठिन होता है, तथा लोभ एक कभी दूर न होने वाली बीमारी के समान होता है।

Anger in a person is like an enemy very difficult to conquer or overcome, and greed is like an endless disease.

क्रोध, लोभ से बचें।

शुभ दिन हो।

💐🌸🌹🙏🏼

Wednesday, December 11, 2019

अविश्वास

*अतिदाक्षिण्य युक्तानां शङ्कितानि पदे पदे।*
*परापवादिभीरूणां न भवन्ति विभूतियः।।*

In the pursuit for perfection if a highly skilled and learned person remains doubtful in nature, does not believe on others and is afraid of criticism and blame, he can never become a great person.

सर्वोत्तम बनने की चाह में बात बात पर शंका करना तथा दूसरों पर अविश्वास करना ऐसा दुर्गुण हैं जो दक्ष और विद्वान् होने पर भी किसी व्यक्ति को एक महान् व्यक्ति नहीं होने देता है।

शुभ दिन हो।

🌸💐🌹🙏🏼

Tuesday, December 10, 2019

विचारो के प्रकार

*पिण्डे पिण्डे मतिर्भिन्ना कुण्डे कुण्डे नवं पयः।*
*जातौ जातौ नवाचाराः नव वानी मुखे मुखे॥*

Every body is Unique. No two people have the same mind. Water from no two ponds taste alike. No two cultures have same customs. No two people speak (accent) alike. 
Once we realise this, we shall be more tolerable to opinions that differ from us.

प्रत्येक व्यक्ति विशेष है। कोई दो व्यक्तियों के मन एक समान नहीं होते है। दो तालाबों के पानी का स्वाद एक जैसा नहीं होता। दो संस्कृतियों के रीति रिवाज एक जैसे नहीं होते हैं।
दो व्यक्तियों का उच्चारण / बोलना एक जैसा नहीं होता है।

हम जब इस सत्य को समझ जाते हैं तो अपने से भिन्न विचारों के प्रति ज्यादा सहनशील हो जाते है।

शुभ दिन हो।

🌸💐🌹🙏🏼

Monday, December 9, 2019

कार्य

*अकर्तव्यं न कर्तव्यं प्राणैः कण्ठगतैरपि।*
*कर्तव्यमेव कर्तव्यं प्राणैः कण्ठगतैरपि।।*

जो कार्य निषिद्ध या न करने के योग्य हों उन्हें प्राण कंठगत होने पर भी (मृत्यु का आसन्न संकट होने पर भी) नहीं करना चाहिये। इस के विपरीत जो कार्य करना अपना कर्तव्य हो उसे अपने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए भी अवश्य करना चाहिये।

One should not do improper or criminal acts even if he faces a threat to his life. On the other hand one should perform his duty even at the cost of his life.

शुभ दिन हो।

🌸💐🌹🙏🏼