*यथा धेनु सहस्रेषु वत्सो गच्छति मातरम्|*
*तथा यच्च कृतं कर्म कर्तारमनुगच्छति||*
चाणक्य नीति (१३/१५)
जिस प्रकार हजारों गायों के एक समूह में उनके बछडे अपनी अपनी माताओं को ढूढ कर उनके पास चले जाते हैं, उसी प्रकार किसी व्यक्ति द्वारा किये गये कर्म भी उस के पीछे पीछे उस का अनुसरण करते हैं, अर्थात किये गये अच्छे या बुरे कर्मों के परिणाम उसी को ही भोगने पडते हैं।
In a herd of thousands of cows their calves recognise their respective mothers and then follow
them, in the same manner the deeds done by a person follow him thereby implying that ultimately he has to face the consequences of good or bad deeds done by him.
कर्मों का फल नहीं टरे,
निज कर्मों का ध्यान करें।
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