*यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।*
*इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥*
पिछले 10 दिवस के भगवान गणेश के सामीप्य एवं आतिथ्य के आनंद को सम्पूर्णता देते हुए भावपूर्ण विसर्जन कर अगले बरस फिर आने की विनम्र प्रार्थना करते हैं।
*अनंत चतुर्दशी पर विघ्नहर्ता गणेश हम सभी के विघ्न दूर करें एवं जीवन को मंगलमय बनाए।*
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