Friday, January 21, 2022

स्वस्थ रहे

*सद्भिरेव सहासीत सद्भिः कुर्वीत संगतिम्‌।*
*सद्भिर्विवादं मैत्रीं च नासद्भिः किंचिदाचरेत्‌॥*

अच्छे लोगों के ही साथ रहें, अच्छे लोगों के ही साथ संबद्ध (स्वयं को) करें, यहाँ तक ​​कि अच्छे लोगों के साथ ही विवाद एवं मित्रता करें, लेकिन बुरे लोगों से कोई भी व्यवहार न रखें।

Be with good people, associate (yourself) with good people, even have a dispute or friendship with good people,  but do not have anything to do with the evil ones.

नित्य स्वयं सुधार करें,
जीवन में आदर्श भरें,
सजग रहें हम स्वस्थ बनें।

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Saturday, January 15, 2022

सदैव शुभ

*आदित्यस्य नमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने।*
*आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तेजस्तेषां च जायते॥*
*जन्मान्तरसहस्रेषु दारिद्र्यं नोपजायते।।*

जो लोग प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करते हैं, उनकी आयु, प्रज्ञा, बल, वीर्य और तेज बढ़ता है। हजारों जन्मों तक वे दरिद्र नहीं होते हैं।

Those who do *Surya Namaskar* daily, their age, intelligence, strength, power and radiance increase. They will not have poverty for thousands of births.

Tuesday, January 4, 2022

परम् कर्तव्य

*ये पायवो मामतेयं ते अग्ने, पश्यन्तो अन्धं दुरितादरक्षन्।*
*ररक्ष तान्त्सुकृतो विश्ववेदा, दिप्सन्त इद्रिपवो नाह  देभुः।।*
ऋग्वेद : प्रथम मण्डल। 

परोपकार और परमार्थ के कार्यों में निंदा, लांछन, उपहास आदि का भय नहीं करना चाहिए। ऐसे मनुष्यों की रक्षा स्वयं परमात्मा करता है। अतः निश्चिंत होकर लोक - कल्याण में लगे रहना चाहिए।

While doing charity and welfare for others, one should not bother about condemnation, to be ridiculed or taunted, as Almighty himself do care for him. So we should do noble deeds freely.

परहित में जब हम जीते,
कभी नहीं रहते रीते,
ध्यान हमारा ईश्वर रखते,
स्वस्थ मस्त जीवन बीते।

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Monday, December 27, 2021

भक्ति

*जाति पाँति कुल धर्म बड़ाई।*
*धन बल परिजन गुन चतुराई॥*
*भगति हीन नर सोहइ कैसा।*
*बिनु जल बारिद देखिअ जैसा॥*
रामचरित मानस : अरण्य कांड।

भक्ति की महिमा बताते हुए गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा चाहे मनुष्य जाति, पाँति, कुल, धर्म, बड़ाई, धन, बल, कुटुम्ब, गुण और चतुरता आदि से सज्जित हो किन्तु भक्ति से रहित है, तो वह एक जलहीन बादल के समान शोभाहीन दिखाई पड़ता है।

A person who is having a good race, power, religion, magnificence, wealth, strength, family, virtues and cleverness, but is devoid of devotion, then he is like a meager cloud.
 
*भक्ति से शोभा जीवन की,*
*कर लें भक्ति सदा परम की,*
*स्वस्थ रहें हम रहें भक्ति मय,*
*काहे चिन्ता सुख साधन की।*

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Saturday, December 25, 2021

महत्त्व

*उपभोग कातराणां पुरुषाणामर्थसंचयपराणां।*
*कन्यामणिरिव सदने तिष्ठत्यर्थ: परस्यार्थे।।*

अपने परिश्रम द्वारा संपत्ति अर्जित करने में कुशल किंतु उसका उपभोग करने से डरने वाले व्यक्तियों की संपत्ति उनके घर में उनकी एक मणि के समान मूल्यवान और सुन्दर कन्या के समान रहती है, जो अन्ततः (विवाहित हो कर) किसी दूसरे के घर में चली जायेगी।

Those persons who are expert in acquiring wealth but are afraid of enjoying it by conspicuous consumption, their wealth is like their daughter, beautiful and precious like a jewel, who will ultimately (on being married) go to another household.

पुरुषार्थ करें हम अर्थ कमाएँ,
उपभोग साथ में करते जाएँ,
धन का क्या है कब ठहरा है,
अर्थ यही हम अर्थ कमाएँ।

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Friday, December 24, 2021

सदैव शुभ

*ऐश्वर्येऽपि क्षमा यस्य दारिद्र्येऽपि हितैषिता।*
*आपत्तावपि  धीरत्वं  दधतो  मर्त्यता कथं।।*

जो व्यक्ति ऐश्वर्यवान होते हुए भी क्षमाशील होते हैं, दरिद्र होते हुए भी अन्य व्यक्तियों की सहायता को सदैव तत्पर रहते हैं, तथा विपत्ति आने पर भी अपना धैर्य नहीं खोते हैं तो वे भला मृत्यु से क्यों भयभीत होंगे?

Those persons who in spite of being powerful and prosperous are also forgiving in nature, in spite of being poor are always ready to help others, and remain courageous and firm even while facing a calamity, why will they be afraid of their mortality?

क्षमा करें हम धैर्य धरें,
मन में करुणा भाव भरें,
हम सब अंश परम के हैं,
 हम अनिष्ट से नहीं डरें।

आज भारत रत्न *महामना पंडित मदन मोहन मालवीय* एवं *अटल बिहारी वाजपेयी* के जन्मदिवस पर राष्ट्रहित हेतु संकल्पित हों।

प्रभु *यीशु* के जन्मदिन की शुभेच्छाएँ।

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Sunday, November 21, 2021

कर्म

*इह जगति हि न निरीहदेहिनं श्रियः संश्रयन्त।*

इस संसार में जो प्रयत्न नहीं करता है, कर्म नहीं करता है, उसे कभी सम्पन्नता नहीं मिलती है।

In this world one who does not put in effort (i.e. one who is inactive) does not acquire wealth.

गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी रामचरितमानस में लिखा है :

_सकल पदारथ इह जग माहीं,_
_करमहीन नर पावत नाहीं।_

*पाना है यदि कुछ इस जग में, हर पल हम पुरुषार्थ करें,*
*दूर रखें संशय प्रत्येक हम, नहीं हृदय में स्वार्थ भरें,*
*स्वस्थ रहें हम व्यस्त रहें हम, हर पल ईश्वर नाम जपें,*
*जीवन अपना सफल करें, कर्तव्य मार्ग से नहीं टरें।*

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Friday, November 19, 2021

देव दीपावली की शुभकामनाएं

*जगत में झूठी देखी प्रीत।*
*अपने ही सुख सों सब लागे, क्या दारा क्या मीत॥*
*अंतकाल संगी नहिं कोऊ, यह अचरज की रीत॥*
*नानक भव-जल-पार परै जो गावै प्रभु के गीत॥*

कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली, प्रकाश परब एवं *गुरु नानक देव* की जयंती पर आएँ हम अपने कर्तव्यों (धर्म) के प्रति सजग होने का संकल्प लें एवं दैवीय शक्तियों को स्वयं में अनुभव करें। 

आज वीरांगना झाँसी की रानी *लक्ष्मीबाई* एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी की जयंती पर शौर्य और दृढ़ता का वरण करें।

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Sunday, November 14, 2021

जय माँ तुलसी

*त्रिकाल बिनता पुत्र प्रयाश तुलसी यदि।*
*विशिष्यते कायशुद्धिश्चान्द्रायण शतं बिना।।*

यदि सुबह, दोपहर और शाम को तुलसी का सेवन किया जाए तो उससे शरीर इतना शुद्ध हो जाता है, जितना अनेक चांद्रायण व्रत के बाद भी नहीं होता।

If one consumes _Tulsi_ three times (morning, afternoon and evening) a day her/his body will become more clean than it can be done by doing _Chandrayan Vrat_ (a very difficult fasting). 

*Please plant a _Tulsi_ at home.*

*देव प्रबोधिनी एकादशी (तुलसी विवाह) पर हम अपने सोये देवत्व को जागृत करें।*

*तुलसी को अपनाएँ हम,*
*रोग प्रत्येक हराएँ हम,*
*जीवन स्वस्थ बनाएँ हम,*
*सोया देवत्व जगाएँ हम।*

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Wednesday, November 10, 2021

जय छठी मैया

*ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।*
*अनुकंपय माम् भक्त्या गृहणार्घ्यं दिवाकर:।।*

समस्त प्राणियों को नित्य नवजीवन प्रदान करने वाले ऊर्जा के अक्षुण्ण स्रोत सूर्य देवता की प्रथम किरण ऊषा को अर्घ्य समर्पित करूँ एवं सूर्य देव अपनी असीम अनुकम्पा हम सभी पर बरसाए।

We pray the first ray *Usha* of the eternal source of energy the *Sun* on this auspicious day of *Soorya Shashthi* and be blessed.

आज उदय होते सूर्य की प्रथम किरण *ऊषा* को अर्घ्य देते हुए *सूर्य आराधना के महापर्व सूर्य षष्ठी* (छठ पूजा) पर भगवान भास्कर से हम सभी के जीवन में प्रखरता भरने की प्रार्थना।

छठी मैया हम सबका कल्याण करें।

*किरण प्रथम को अर्घ्य हमारा, सूर्य देव स्वीकार करो,*
*भाव पुष्प अर्पण हैं छठ माँ, हम सबका उद्धार करो।*

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