Sunday, November 14, 2021

जय माँ तुलसी

*त्रिकाल बिनता पुत्र प्रयाश तुलसी यदि।*
*विशिष्यते कायशुद्धिश्चान्द्रायण शतं बिना।।*

यदि सुबह, दोपहर और शाम को तुलसी का सेवन किया जाए तो उससे शरीर इतना शुद्ध हो जाता है, जितना अनेक चांद्रायण व्रत के बाद भी नहीं होता।

If one consumes _Tulsi_ three times (morning, afternoon and evening) a day her/his body will become more clean than it can be done by doing _Chandrayan Vrat_ (a very difficult fasting). 

*Please plant a _Tulsi_ at home.*

*देव प्रबोधिनी एकादशी (तुलसी विवाह) पर हम अपने सोये देवत्व को जागृत करें।*

*तुलसी को अपनाएँ हम,*
*रोग प्रत्येक हराएँ हम,*
*जीवन स्वस्थ बनाएँ हम,*
*सोया देवत्व जगाएँ हम।*

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