Tuesday, October 19, 2021

बाल्मीकि जयंती

*मा निषाद प्रतिष्ठां त्वमगम: शास्वती समा।*
*यत्क्रौंचमिथुनादेकमवधी: काममोहितम्।।*

हे निषाद। तुझे कभी भी शान्ति न मिले, क्योंकि तूने इस काम से मोहित क्रौंच के जोड़े में से एक की बिना किसी अपराध के ही हत्या कर डाली।

आदि कवि वाल्मीकि जी ने करुणा से भरकर इस प्रथम श्लोक की रचना की एवं तत्पश्चात *रामायण* की रचना की।

एक दस्यु से महर्षि बने *वाल्मीकि* की जयंती पर हम सदैव उत्कृष्टता की ओर बढ़ने का संकल्प लें।

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Monday, October 18, 2021

जय श्री राम

*फूलइ फरइ न बेत, जदपि सुधा बरषहिं जलद।*
*मूरुख हृदयँ न चेत, जौं गुर मिलहिं बिरंचि सम॥*

रामचरितमानस : लंका काण्ड।

मंदोदरी के समझाने पर भी मदान्ध रावण के न समझने पर गोस्वामी तुलसीदास जी ने बेंत (बाँस) का उदाहरण देते हुए बताते हैं कि
यद्यपि बादल अमृत-सा जल बरसाते हैं तथापि बेत फूलता-फलता नहीं। इसी प्रकार ब्रह्मा के समान ज्ञानी गुरु मिलने पर भी मूर्ख के हृदय में चेत (ज्ञान) नहीं होता॥

Despite good rain like nectar, the bamboo does not flourish. Similarly, even after getting a knowledgeable mentor like Brahma, the fool hearted can't attain perception (intellect).

*व्यर्थ नहीं अभिमान करें,*
*सोचें तनिक विचार करें,*
व्यस्त रहें हम स्वस्थ रहें।

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Sunday, October 17, 2021

सत्कर्म

*नाम्भोधिरर्थितामेति सदाम्भोभिश्च पूर्यते।*
*आत्मा तु पात्रतां नेयः पात्रमायान्ति संपदः।।*
       
यद्यपि समुद्र ने जल की कभी कामना नहीं की और न ही किसी से इस हेतु संपर्क किया परन्तु फिर भी वह सदा जल से भरा ही रहता है। इसी तरह यदि कोई व्यक्ति धर्म का पालन कर अपने को सुयोग्य बना ले तो उसे सुपात्र जान कर धन संपत्ति स्वयं ही उसके पास आ जाती है।

{इसी भावना को गोस्वामी तुलसीदास जी ने 'रामचरितमानस' में भी व्यक्त किया है: 
जिमि सरिता सागर मंहुं जाहीं।
जद्यपि ताहि कामना नाहीं। 
तिमि सुख संपति बिनहिं बुलाये। धर्मशील पहिं जाहिं सुभाये।। (बालकाण्ड पद २९४ ) }

The ocean neither desires nor approaches any one for water, but still it always remains full with water. Similarly, if a person makes himself worthy through performing his duties well with religious austerity, then considering him as a proper recipient, wealth itself favours him, although he may not desire it.

*हम अपना कर्तव्य निभाएँ,*
*जीवन सुख से भरा बनाएँ।*

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Saturday, October 16, 2021

शुभ रविवार

*अधर्मेणैधते  तावत्ततो  भद्राणि  पश्यति।*
*ततः सपत्नाञ्जयति समूलस्तु विनश्यति।।*
                                          
कभी कभी पापकर्म में लिप्त रहने पर भी थोड़े समय के लिए लोग समृद्ध और सुखी हो जाते हैं और उनके शत्रु भी पराजित हो जाते हैं। परन्तु अन्ततः वह पापकर्म करने वाला भी समूल नष्ट हो जाता है।

Sometimes persons engaged in sinful deeds also become prosperous and happy for a short period, are able to conquer their enemies. But ultimately such persons are annihilated.

सदा पाप से हम बचें,
कर्तव्य मार्ग से नहीं टरें,
व्यस्त रहें हम मस्त रहें।

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पापांकुशा एकादशी

*उपकर्तुं यथा स्वल्पं समर्थो न तथा महान्।*
*प्रायः कूपस्तृषां हन्ति सततं न तु वारिधिः।।*

परोपकार करने में एक साधारण व्यक्ति, एक महान व्यक्ति से अधिक समर्थ हो सकता है। उदाहरण स्वरूप एक साधारण कुँआ निरन्तर सामान्य जनों की प्यास बुझाता है न कि विशाल समुद्र।

An ordinary person can be more capable of doing charity than a great person. For example, an ordinary well continuously quenches the thirst of ordinary people and not the vast sea.

*यदि उपकार करें जीवन में,*
*हो अभिमान भला क्यों मन में।*

आज पापांकुशा एकादशी पर स्वस्थ रहने का संकल्प लें।

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Wednesday, October 13, 2021

महानवमी

*सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।*
*सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।*

हे समस्त सिद्धियों को देने वाली माँ सिद्धिदात्री, आपको सिद्धगण, गंधर्व, यक्ष, सुर, असुर, इत्यादि पूजते हैं, आप हमारा पूजन भी स्वीकार करो एवं सभी सिद्धि प्रदान करो।

Goddess Siddhidatri who is worshipped by Siddha, Gandharva, Yaksh, Gods, Demons etc., holds Conch, Chakra, Gada and Lotus in her hands, giver of all siddhis and victory all over, be propitious to all.

On This Auspicious Occasion of Durga MahaNavami, May all  blessed with Prosperity, Happiness, Health, Wealth And Success.

आज महानवमी के इस अवसर पर माँ दुर्गा हम सभी की समस्त सदिच्छाओं को पूर्णता प्रदान करे।

*शक्ति भक्ति संचित की है,*
*माँ को पूजा अर्पित की है,*
*माँ पूजन सब स्वीकार करो,*
*माँ हम सबका उद्धार करो।*

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Tuesday, October 12, 2021

जय माँ महागौरी

*श्वेते वृषे समारूढा, श्वेताम्बरधरा शुचि:।*
*महागौरी शुभं दद्यात्, महादेव प्रमोददा।।*

श्वेत बैल पर सवार, श्वेत वस्त्र धारण करने वाली, अत्यन्त पवित्र और महादेव को अपनी भक्ति से प्रसन्न करने वाली हे माँ महागौरी! हम सबका कल्याण करो।

O Maa Mahagauri, riding on a white bull, wearing white clothes, very pious and pleasing _Mahadev_ with thy devotion! Bless us all.

आज माँ आदि शक्ति के अष्टम स्वरूप महागौरी का पूजन।

*वृषारूढ़ हो आओ माँ, हम सबका कल्याण करो,*
*शक्ति भक्ति भर दो माँ, यह पूजन स्वीकार करो।*

शक्ति पूजन करें।

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Monday, October 11, 2021

जय माँ कालरात्रि

*जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतार्तिहारिणि।*
*जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोस्तु ते।*
(अर्गला स्तोत्र)

हे देवि चामुण्डे! (चण्ड मुण्ड विनाशिनी) आपकी जय हो। समस्त प्राणियों की पीड़ा हरनेवाली देवि! आपकी जय हो। हे सबमें व्याप्त रहने वाली देवि! आपकी जय हो। हे कालरात्रि ! आपको नमन करते हैं।


O Goddess Chamunde! (Chand Mund destroyer) Hail thee. O Goddess who removes the pain of all beings! Hail thee.
O Goddess who pervades all! Hail thee. 
O Kalratri! bows to you.

आज माँ आदिशक्ति के सप्तम स्वरूप कालरात्रि का पूजन अर्चन।

*रूप भयंकर धर आओ माँ,*
*सब कल्मष हर जाओ माँ।*

शक्ति संचय करें।

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Sunday, October 10, 2021

जय माँ कात्यायनी

*जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।*
*दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।*
(अर्गला स्रोत्र)

हे विजय देने वाली, मंगल करने वाली, भय हरने वाली, दुष्टों का संहार करने वाली, कल्याण करने वाली, करूणा रखने वाली, क्षमा देने वाली, सभी प्रकार के ऐश्वर्य प्रदान करने वाली माँ दुर्गा आपको नमन करते हैं।

O giver of victory, bestower of auspiciousness, remover of fear, destroyer of wicked, doer of welfare, having compassion, giving forgiveness, bestowing all kinds of opulences, Maa Durga bows to you.

आज माँ आदिशक्ति के छठे स्वरूप कात्यायनी का पूजन वंदन।

*माँ आओ कर सिंह सवारी,*
*दूर करो माँ विपदा सारी।*

शक्ति संचय करें।

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Saturday, October 9, 2021

जय माँ स्कन्दमाता

*सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते।*
*भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवी नमोऽस्तु ते।*

हे सर्वस्वरूपा, सर्वेश्वरी तथा सब प्रकार की शक्तियों से सम्पन्न दिव्यरूपा दुर्गे देवी! सब प्रकार के भय से हमारी रक्षा कीजिये। आपसे यही प्रार्थना है।

O Omnipresence, Sarveshwari and Divya Roopa Durga Devi, endowed with all kinds of powers! Protect us from all kinds of fear. We pray to you.

आज माँ आदिशक्ति के स्कंदमाता स्वरूप का पूजन वंदन।

*हर भय से माँ अब दूर करो,*
*हर विपद हमारी दूर करो।*

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