*जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।*
*दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।*
(अर्गला स्रोत्र)
हे विजय देने वाली, मंगल करने वाली, भय हरने वाली, दुष्टों का संहार करने वाली, कल्याण करने वाली, करूणा रखने वाली, क्षमा देने वाली, सभी प्रकार के ऐश्वर्य प्रदान करने वाली माँ दुर्गा आपको नमन करते हैं।
O giver of victory, bestower of auspiciousness, remover of fear, destroyer of wicked, doer of welfare, having compassion, giving forgiveness, bestowing all kinds of opulences, Maa Durga bows to you.
आज माँ आदिशक्ति के छठे स्वरूप कात्यायनी का पूजन वंदन।
*माँ आओ कर सिंह सवारी,*
*दूर करो माँ विपदा सारी।*
शक्ति संचय करें।
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