*आचारः प्रथमो धर्मः इत्येतद्विदुषां वचः।*
*तस्माद्र्रक्षेत् सदाचारं प्राणेभ्य अपि विशेषतः।।*
दूसरों के प्रति अच्छा आचरण करना हमारा सर्व प्रथम धर्म (कर्तव्य) है, ऐसा विद्वज्ज्नों का कहना है। अतः सदाचार की रक्षा (अनुपालन) हमें अपने प्राणों से भी अधिक करनी चाहिए।
Noble and learned persons have proclaimed that good conduct towards others is our first and foremost duty. Therefore, we should adhere to our good conduct even more than our life.
*अहम त्याग दें, मास अहम है,*
*सावन में शिव शक्ति परम है,*
*गुरु की शिक्षा साथ सदा हो,*
*संचित कर लें जो भी कम है।*
आज से प्रारम्भ शिव आराधना के श्रावण मास में स्वास्थ्य साधना करें।
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