Thursday, October 7, 2021

ब्रह्मचारिणी स्वरूप

*दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।*
*दारिद्र्य दु:ख भयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽ‌र्द्रचित्ता॥*

हे माँ दुर्गे! आप स्मरण करने पर सब प्राणियों का भय हर लेती हैं और स्वस्थ पुरुषों द्वारा चिन्तन करने पर उन्हें परम कल्याणमयी बुद्धि प्रदान करती हैं। 
दु:ख, दरिद्रता और भय हरने वाला आपके अतिरिक्त  दूसरा कौन है, जिसका चित्त सबका उपकार करने के लिए सदा ही आर्द्र रहता हो।

He Maa Durga! On remembering you, you take away the fear of all beings, and on contemplation by healthy men, you bestow them with supremely beneficial intelligence.
Who is the one who removes sorrow, poverty and fear other than you, whose heart is always moist to do everyone's favour.

आज शारदीय नवरात्रि पर्व के द्वितीय दिवस पर माँ आदि शक्ति के ब्रह्मचारिणी स्वरूप से प्रार्थना।

*शक्ति संचय करें।*

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