Thursday, June 11, 2020

समय

*रहिमन चुप ह्वै बैठिए, देखि दिनन का फेर।*
*जब नीकै दिन आईहैं, बनत न लगिहैं देर।।*

दिनों के फेर अर्थात् जब समय प्रतिकूल हो, तब शान्त चित्त हो कर प्रतीक्षा करें, व्यग्र-उग्र, क्षुब्ध-विक्षुब्ध न हों। जब समय अनुकूल होगा, तो बात बनने में देर नहीं लगेगी।

When our time is not in our favour we should wait quietly and not be anxious. As the time changes and become favourable, all will be alright.

*धैर्य हमारा सहचर हो,*
*मन में आशा भर भर हो,*
*विश्वास अटूट परम पर हो,*
*शुभ दिन सबके घर घर हो।*

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