Friday, June 12, 2020

आनंद

*अस्ति यद्यपि सर्वत्र नीरं नीरजमण्डितम्।*
*रमते नैव हंसस्य मानसं मानसं  विना।।*

यद्यपि बादलों द्वारा प्रदान किये गये निर्मल जल से पूरित जलाशय सर्वत्र इस पृथ्वी में हैं, परन्तु राजहंसों का मन मानसरोवर में जलविहार किये बिना आनन्दित नहीं होता है।              

Although there are many lakes in this world storing pure water bestowed by the clouds, Swans do not become happy unless they get the opportunity of swimming in the pristine waters of the famous lake 'Manasarovara'.

गुणवान और विशिष्ट व्यक्ति अपने समान व्यक्तियों के संपर्क में ही आनन्दित होते हैं।

*रक्षा स्वास्थ्य की बात अहम,*
*कुछ नहीं होगा, छोड़ें वहम,*
*रहें सुरक्षित घर में हम,*

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