Sunday, May 31, 2020

गंगा दशहरा

*गंगा पापं, शशी तापं दैन्यं कल्पतरुस्तथा।*
*पापं तापं तथा दैन्यं हन्ति सज्जनसंगम।।*

सज्जनों की संगति की महिमा बताते हुए कहा गया है कि गंगास्नान से सब पाप, चन्द्रमा के दर्शन से ताप (गर्मी) एवं कल्पवृक्ष का दर्शन दरिद्रता को दूर कर देता है। परन्तु सज्जनों की संगति से पाप, ताप और दरिद्रता तीनों से दूर हो जाते हैं।

The value of noble person's good company is said by this. As all sins can be removed by taking dip in the holy water of Ganga, heat is vanished in Moon's cool light and paucity is cured by just seeing the _Kalpavriksha_, but the all three, paucity, heat and sins can be cured by only being with noble person.

*सर्व पाप हारी माँ गंगा एवं विवेक की अधिष्ठात्री देवी माँ गायत्री* के अवतरण दिवस ज्येष्ठ शुक्ल दशमी (गंगा दशमी, गायत्री जयन्ति) पर हम सभी पवित्र एवं विवेकवान बनें, ऐसी शुभकामनाएँ।

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