*फल भारन नमि बिटप सब रहे भूमि निअराइ।*
*पर उपकारी पुरुष जिमि नवहिं सुसंपति पाइ॥*
रामचरितमानस : अरण्यकाण्ड।
जिस प्रकार फलदार वृक्ष, फलों से लदने पर नीचे झुक जाते हैं, अर्थात उस वृक्ष की डालियाँ जमीन की ओर झुक जाती हैं। उसी प्रकार परोपकारी व्यक्ति सुसम्पति पाकर और अधिक विनम्र हो जाते हैं।
Just as fruitful trees, when laden with fruits, bow down, that is, the branches of that tree lean towards the ground. In the same way, noble person become more humble after gaining wealth.
*शेष तपस्या अब कुछ दिन की,*
*हार है निश्चित कोरोना की,*
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