Wednesday, April 8, 2020

मृदुभाषी

*प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः।*
*तस्मात्तदेव वक्तव्यं, वचने किं दरिद्रता।।*

मीठी वाणी बोलने से सभी व्यक्ति प्रसन्न और संतुष्ट होते हैं इसलिए सदैव मधुर वचन ही बोलना चाहिए। वाणी हमारे अधीन है और इसका कोई मूल्य भी नहीं देना पड़ता तो मीठे वचन बोलने में दरिद्रता कैसी?

तुलसी मीठे वचन ते, सुख उपजत चहुँ ओर।
वशीकरण यह मंत्र है, तज दे वचन कठोर।

All the people are happy and satisfied by soft and sweet words, therefore always speak sweet words. We have control over our words and have not to pay any price for soft words, then why to be miser in saying sweet words?

मृदुभाषी बनें।

*जीत रहे हम निश्चित जानो,*
*घर में रहना, बात सभी मानो,*

🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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