*गुणः सर्वत्र पूज्यन्ते न महत्योऽपि सम्पदः।*
गुणों की सर्वत्र पूजा होती है, सम्पत्ति का महत्त्व गौण है।
Virtues are admired everywhere, Wealth is secondary.
*सूर्य देवता के उत्तर पथ पर गतिमान होने के पर्व मकर संक्रांति, उत्तरायण * की सभी को हृदय से शुभकामनाएँ।
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