Saturday, May 9, 2020

एकल तपस्या

*एकाकिनो  तपो  द्वाभ्यां  पठनं  गायनं  त्रिभिः।*

तपस्या अकेले ही की जाती है, विद्याध्ययन के लिए दो व्यक्ति (गुरु और शिष्य) आवश्यक होते हैं। गायन के लिए तीन व्यक्तियों (गायक, संगति करने वाला और श्रोता) अवश्य होने चाहिए। 

Asceticism is to be practiced alone by a person, and for studying at least two persons (teacher and the student) are essential. For singing at least three persons (the singer, the accompanist and the listener) are required.

*रहें अकेले तप करने को*
*मन में शक्ति नयी भरने को*

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Friday, May 8, 2020

बुद्धिमत्ता

*प्रस्तावसदृशं वाक्यं प्रभावसदृशं प्रियम्।*
*आत्मशक्तिसमं कोपं यो जानाति स पंडित:॥*

The wise person talks according to the occasion, speaks in accordance with dignity, and becomes furious  according to his power.

अवसर के अनुकूल बात करने वाला अपनी सामर्थ्य गरिमा के अनुरूप भाषण करने वाला तथा अपनी शक्ति के अनुरूप क्रोध करनेवाला व्यक्ति ही बुध्दिमान कहलाता है।

*संकट समझें तनिक विचारें*
*घर में ही ये दिवस गुजारें*

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Thursday, May 7, 2020

प्रेम

*प्रेम न बाड़ी ऊपजै, प्रेम न हाट बिकाय। *
*राजा परजा जेहि रुचै, सीस देइ ले जाय।।*

प्रेम न तो खेत में उगता है और न ही बाजार में बिकता है। प्रेम के लिए विनम्रता आवश्यक है, चाहे राजा हो या कोई सामान्य व्यक्ति। जिसे झुकना आता है उसे यह सहज उपलब्ध है।

Love does not grow in the fields nor be sold in the market. Humility is necessary for love, whether it be a king or an ordinary person. It is easily accessible to anyone who bows down.

*प्रेम रखें हम बहुत जरूरी,*
*पर उसमें भी दो ग़ज़ दूरी,*
*समय विकट है भजें परम को,*
*छोड़ें सारे वहम अहम को।*

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Wednesday, May 6, 2020

बुद्ध पूर्णिमा

*अप्प दीपो भव।*

स्वयं प्रकाशित हों, अर्थात स्वप्रेरित बनें।

Be self motivated.

भगवान बुद्ध के जन्मदिवस पर हम स्वप्रेरित होने का संकल्प लें।

तथागत भगवान बुद्ध के जन्मदिवस *बुद्ध पूर्णिमा* की शुभकामनाएँ।

*आज तथागत बुद्ध हुए थे*
*निज पर विजय सिद्ध हुए थे*
*आएँ हम भी निज को साधें*
*घर की मर्यादा न लांघें।*

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Tuesday, May 5, 2020

संगत

*असतां सङ्गदोषेण साधवो यान्ति विक्रियाम्।*
*दुर्योधन प्रसङ्गेन भीष्मो गोहरणे  गतः॥*

झूठे और नीच व्यक्तियों के संपर्क में रहने से सज्जन और महान व्यक्तियों की गरिमा और प्रतिष्ठा को भी बहुत अधिक हानि पहुंचती है।

By keeping the company of untrue and evil minded persons, the fame and status of even the most honourable and righteous persons is put to harm.

कुसंगति से बचें।

*मिलो नहीं अनजानों से,*
*कम मिलना पहचानों से,*
*यही अभी बस एक उपाय,*
*अपना जीवन स्वस्थ बनाय*

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Monday, May 4, 2020

अहम का त्याग

*अहं कर्तेत्यहंमानमहाकृष्णा हि दन्शितः।*
*नाहं कर्तेति विश्वासामृतं पीत्वा सुखी भव।।*
अष्टावक्र गीता : अध्याय १, श्लोक ८।

*मैं कर्ता हूँ* इस अहं रूपी सर्प के दंश से हम सभी पीड़ित हैं अतः *मैं कर्ता नहीं हूँ* इस अमृत का पान करें एवम् सुखी हो जाएँ।

*I am the doer*, we all have been suffering from this ego, so take the nectar of *I am not the doer* and be happy.

अहम् को त्यागें।

*मुझे नहीं होगा कोरोना,*
*इसी अहम का मन में होना,*
*घातक है यह इसको छोड़ें,*
*घर की सीमा अभी न तोड़ें।*

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Sunday, May 3, 2020

स्वयंभू

*मुक्ताभिमानी मुक्तो हि बद्धो बद्धाभिमान्यपि।*
*किवदन्तीह सत्येयं या मतिः सा गतिर्भवेत्॥१-११॥*
अष्टावक्र गीता

स्वयं को मुक्त मानने वाला मुक्त ही है और बद्ध मानने वाला बंधा हुआ ही है, यह कहावत सत्य है कि जैसी बुद्धि होती है वैसी ही गति होती है।

If you think you are free you are free. If you think you are bound you are bound. It is rightly said: You become what you think.

*आएँ मुक्त स्वयं को समझें,*
*किन्तु घर से अभी न निकलें।*

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Saturday, May 2, 2020

आनंद

*औषधेष्वपि सर्वेषु हास्यं श्रेष्ठ वदन्ति  ह।*
*स्वाधीनं सुलभं चापि आरोग्यानन्दवर्धनम्।।*

कहा गया है कि सभी औषधियों में निश्चय ही हंसना सबसे श्रेष्ठ औषधि है क्योंकि यह आसानी से बिना मूल्य के उपलब्ध हो जाती है तथा स्वास्थ्य और आनन्द की वृद्धि करती है।

It is truly said that among all the medicines laughter is the best medicine, because it is free and easy to obtain and it results in increase of happiness and health.

मुस्कुराते रहिये।

*हँसो स्वयं भी और हँसाओ*
*नीरसता को दूर भगाओ*

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Friday, May 1, 2020

आत्मतत्त्व

*न जायते म्रियते वा कदाचिन्नायं भूत्वा भविता वा न भूयः।*
*अजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणो, न हन्यते हन्यमाने शरीरे॥*
गीता : अध्याय २, श्लोक २०।

आत्मा (आत्मतत्व) किसी काल में भी न तो जन्म लेता है और न मरता ही है तथा न यह उत्पन्न होकर फिर होने वाला ही है क्योंकि यह अजन्मा, नित्य, सनातन और पुरातन है, शरीर के मारे जाने पर भी यह नहीं मारा जाता॥

For the SOUL there is never birth nor death. Nor, having once been, does he ever cease to be. He is unborn, eternal, ever-existing, undying and primeval. He is not slain when the body is slain.

*अगला चरण युद्ध का आया*
*विजित क्षेत्र को हरा बताया*
*विजय मार्ग स्पष्ट हुआ है*
*घर में रहना ही अच्छा है*

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Thursday, April 30, 2020

गुण

*उद्यमः साहसं धैर्यं बलं बुद्धि पराक्रमः।*
*षडेते यस्य तिष्ठन्ति तस्य देवोऽपि सशंकितः।।*

जिस व्यक्ति में उद्यमिता, साहस, धैर्य, बल, बुद्धि एवं पराक्रम, ये छः गुण होते हैं, उस से देवता भी सशंकित (भयभीत) रहते हैं।

A person who possesses these six virtues, namely continued and strenuous efforts, courage (capacity to take risks), patience, strength, intelligence and gallantry, even the Gods are apprehensive of such a person.

विश्व श्रमिक दिवस (1 मई) को आएँ कठिन श्रम हेतु संकल्पित हों।

*बार बार हाथों को धोना*
*घर में ही हम सबका होना*
*कठिन तपस्या हमने की है*
*निश्चित हारेगा कोरोना*

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