Wednesday, May 6, 2020

बुद्ध पूर्णिमा

*अप्प दीपो भव।*

स्वयं प्रकाशित हों, अर्थात स्वप्रेरित बनें।

Be self motivated.

भगवान बुद्ध के जन्मदिवस पर हम स्वप्रेरित होने का संकल्प लें।

तथागत भगवान बुद्ध के जन्मदिवस *बुद्ध पूर्णिमा* की शुभकामनाएँ।

*आज तथागत बुद्ध हुए थे*
*निज पर विजय सिद्ध हुए थे*
*आएँ हम भी निज को साधें*
*घर की मर्यादा न लांघें।*

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Tuesday, May 5, 2020

संगत

*असतां सङ्गदोषेण साधवो यान्ति विक्रियाम्।*
*दुर्योधन प्रसङ्गेन भीष्मो गोहरणे  गतः॥*

झूठे और नीच व्यक्तियों के संपर्क में रहने से सज्जन और महान व्यक्तियों की गरिमा और प्रतिष्ठा को भी बहुत अधिक हानि पहुंचती है।

By keeping the company of untrue and evil minded persons, the fame and status of even the most honourable and righteous persons is put to harm.

कुसंगति से बचें।

*मिलो नहीं अनजानों से,*
*कम मिलना पहचानों से,*
*यही अभी बस एक उपाय,*
*अपना जीवन स्वस्थ बनाय*

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Monday, May 4, 2020

अहम का त्याग

*अहं कर्तेत्यहंमानमहाकृष्णा हि दन्शितः।*
*नाहं कर्तेति विश्वासामृतं पीत्वा सुखी भव।।*
अष्टावक्र गीता : अध्याय १, श्लोक ८।

*मैं कर्ता हूँ* इस अहं रूपी सर्प के दंश से हम सभी पीड़ित हैं अतः *मैं कर्ता नहीं हूँ* इस अमृत का पान करें एवम् सुखी हो जाएँ।

*I am the doer*, we all have been suffering from this ego, so take the nectar of *I am not the doer* and be happy.

अहम् को त्यागें।

*मुझे नहीं होगा कोरोना,*
*इसी अहम का मन में होना,*
*घातक है यह इसको छोड़ें,*
*घर की सीमा अभी न तोड़ें।*

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Sunday, May 3, 2020

स्वयंभू

*मुक्ताभिमानी मुक्तो हि बद्धो बद्धाभिमान्यपि।*
*किवदन्तीह सत्येयं या मतिः सा गतिर्भवेत्॥१-११॥*
अष्टावक्र गीता

स्वयं को मुक्त मानने वाला मुक्त ही है और बद्ध मानने वाला बंधा हुआ ही है, यह कहावत सत्य है कि जैसी बुद्धि होती है वैसी ही गति होती है।

If you think you are free you are free. If you think you are bound you are bound. It is rightly said: You become what you think.

*आएँ मुक्त स्वयं को समझें,*
*किन्तु घर से अभी न निकलें।*

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Saturday, May 2, 2020

आनंद

*औषधेष्वपि सर्वेषु हास्यं श्रेष्ठ वदन्ति  ह।*
*स्वाधीनं सुलभं चापि आरोग्यानन्दवर्धनम्।।*

कहा गया है कि सभी औषधियों में निश्चय ही हंसना सबसे श्रेष्ठ औषधि है क्योंकि यह आसानी से बिना मूल्य के उपलब्ध हो जाती है तथा स्वास्थ्य और आनन्द की वृद्धि करती है।

It is truly said that among all the medicines laughter is the best medicine, because it is free and easy to obtain and it results in increase of happiness and health.

मुस्कुराते रहिये।

*हँसो स्वयं भी और हँसाओ*
*नीरसता को दूर भगाओ*

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Friday, May 1, 2020

आत्मतत्त्व

*न जायते म्रियते वा कदाचिन्नायं भूत्वा भविता वा न भूयः।*
*अजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणो, न हन्यते हन्यमाने शरीरे॥*
गीता : अध्याय २, श्लोक २०।

आत्मा (आत्मतत्व) किसी काल में भी न तो जन्म लेता है और न मरता ही है तथा न यह उत्पन्न होकर फिर होने वाला ही है क्योंकि यह अजन्मा, नित्य, सनातन और पुरातन है, शरीर के मारे जाने पर भी यह नहीं मारा जाता॥

For the SOUL there is never birth nor death. Nor, having once been, does he ever cease to be. He is unborn, eternal, ever-existing, undying and primeval. He is not slain when the body is slain.

*अगला चरण युद्ध का आया*
*विजित क्षेत्र को हरा बताया*
*विजय मार्ग स्पष्ट हुआ है*
*घर में रहना ही अच्छा है*

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Thursday, April 30, 2020

गुण

*उद्यमः साहसं धैर्यं बलं बुद्धि पराक्रमः।*
*षडेते यस्य तिष्ठन्ति तस्य देवोऽपि सशंकितः।।*

जिस व्यक्ति में उद्यमिता, साहस, धैर्य, बल, बुद्धि एवं पराक्रम, ये छः गुण होते हैं, उस से देवता भी सशंकित (भयभीत) रहते हैं।

A person who possesses these six virtues, namely continued and strenuous efforts, courage (capacity to take risks), patience, strength, intelligence and gallantry, even the Gods are apprehensive of such a person.

विश्व श्रमिक दिवस (1 मई) को आएँ कठिन श्रम हेतु संकल्पित हों।

*बार बार हाथों को धोना*
*घर में ही हम सबका होना*
*कठिन तपस्या हमने की है*
*निश्चित हारेगा कोरोना*

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Wednesday, April 29, 2020

साधन

*वित्तं बन्धुर्वयः कर्म विद्या भवति पञ्चमी।*
*एतानि मान्यस्थानानि गरीयो यद्यत् उत्तरम।।*
                                                           
धन, स्वजन, आयु, सत्कर्म और विद्या, ये पांच साधन मनुष्य को प्रतिष्ठा एवं सम्मान दिलाने के साधन हैं। ये उत्तरोत्तर एक दूसरे से श्रेष्ठ हैं, अर्थात धन से स्वजन, स्वजन से आयु, आयु से सत्कर्म एवं अन्ततः विद्वता, विद्यार्जन ही सर्वश्रेष्ठ है।

Wealth, close relatives,  age of a person, meaningful activity and  knowledge being the five factors that bestow  respect and honourable position to a person in the society and these factors are respectively more venerable. In the last the knowledge is the best.

*घर में रहकर करो पढ़ाई*
*कोरोना से यही लड़ाई*
*स्वच्छ हाथ हो मुँह पर कपड़ा*
*शस्त्र यही है सबसे तगड़ा*

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Tuesday, April 28, 2020

अंतर्मन

*उद्धरेत् आत्मनात्मानं नात्मानम् अवसादयेत्।*
*आत्मैव ह्रात्मनो बन्धुरात्मैव रिपुरात्मन:।।*
गीता : अध्याय ६, श्लोक ५।

हम स्वयं अपने द्वारा अपना उद्धार करें एवं स्वयं को अधोगति अथवा अवसाद में न डालें क्योंकि हम स्वयं ही स्वयं के मित्र अथवा शत्रु होते हैं।

We should raise ourselves self by our own efforts and should not degrade ourselves; as we only are our own friend or foe.

*स्वयं संयम एक उपचार,*
*स्वयं करें स्व का उद्धार।*

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Monday, April 27, 2020

आन्तरिक शक्ति

*अन्तःसारविहीनस्य  सहायः किं करिष्यति।*
*मलयेऽपि  स्थितो  वेणुर्वेणुरेव  न चन्दनः।।*

जिस व्यक्ति में स्वयं अपनी आन्तरिक शक्ति या सामर्थ्य न हो उसकी सहायता करने से कुछ भी लाभ नहीं होता है। उदाहरणार्थ मलय प्रदेश में चन्दन वृक्ष के वनों में उगे हुए बाँस के वृक्ष बाँस के ही  रहते हैं और चन्दन नहीं हो जाते हैं।

It is of no use to help a person who is devoid of inner strength and capability, just like the bamboo trees growing in the Malaya region in a forest of Sandalwood trees remain as bamboo trees and do not become sandal wood trees.

*हम अन्तस् की शक्ति बढ़ाएँ,*
*कोरोना को मार भगाएँ।*

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