Saturday, November 16, 2019

परख

*यथा चतुर्भि: कनकं परीक्ष्यते निघर्षणच्छेदनतापताडनौः।*
*तथा चतुर्भि: पुरुष परीक्ष्यते त्यागेन शिलेन गुणेन कर्मणा ॥*

The way gold's purity is tested by rubbing, cutting, heating and pounding, similarly, a person's quality is tested by gentleness, manners, habits and deeds.

जैसे सोने की परख घिसना, तोडना, जलाना और ताडना (पीटना) आदि चार प्रकार से होती है, उसी प्रकार मनुष्य की जाँच भी त्याग, शील, गुण, कर्म आदि चार प्रकार से होती है।

शुभ दिन हो।

🌸🌹💐🙏🏼

Friday, November 15, 2019

प्रयत्न

*यत्ने कृते यदि न सिद्धयति कोऽत्र दोषः।*

प्रयत्न करने पर भी यदि सिद्धि (सफलता) नहीं मिलती है, तो प्रयत्न में रह गये दोष (कमी) को खोजना चाहिए।

If we do not success despite various attempts, we should find the loopholes in the attempts.

पुनः प्रयत्न करें।

शुभ दिन हो।

🌺🌹💐🙏🏼

Thursday, November 14, 2019

लक्ष्य

*जाति पात पूछे नहीं कोई,*
*हरि को भजे सो हरि का होई।*

साध्य अर्थात लक्ष्य कभी भी जाति अथवा पंथ के बारे में नहीं पूछता वरन जो लक्ष्य को प्रति क्षण स्मरण करता है उसे लक्ष्य प्राप्त होता है।

Goal or achieving something never asks about caste or creed, but one who remembers his goal every moment, achieves the goal.

शुभ दिन हो।

🌸🌺💐🙏🏻

Wednesday, November 13, 2019

आचरण

*आचाराल्लभते आयु: आचारादीप्सिता: प्राजा:,*
*आचाराद्धनमक्षय्यम् आचारो हन्त्यलक्षणम्।।*

Good conduct means good behavior, gives longevity, great progeny, everlasting prosperity, and also destroys one's own faults. Every situation is not in our hands but our conduct is under our control.

अच्छे आचरण अर्थात सदव्यवहार से दीर्घ आयु, श्रेष्ठ सन्तति, चिर समृद्धि प्राप्त होती है, तथा अपने दोषों का भी नाश होता है। प्रत्येक परिस्थिति हमारे हाथ में नहीं किन्तु हमारा आचरण हमारे वश में है।

शुभ दिन हो।

🌸🌺💐🙏🏻

Tuesday, November 12, 2019

व्यर्थ

*ऊसरो च क्षेत्रेषु यथा बीजो हि निष्फलं।*
*उपकारोऽपि नीचानां कृतो भवति तादृशः।।*

जिस प्रकार एक ऊसर खेत में फसल उगाने के लिये बीज बोना व्यर्थ होता है (क्योंकि खेत की मिट्टी में नमक की मात्रा अत्यधिक होने से उस में कोई फसल नहीं उग सकती है), उसी प्रकार नीच व्यक्तियों के प्रति कोई उपकार करना भी व्यर्थ ही होता है।

Just as it is useless to sow seeds in a farm having saline soil (unfit for cultivation) where no crop can grow, similarly the   favours done to wicked and mean persons are also useless and do not bear any fruitful results.

शुभ दिन हो।

🌸🌹💐🙏🏼

Sunday, November 10, 2019

परमतत्व

*कमठ पीठ जामहिं बरु बारा।*
*बंध्या सुत बरु काहुहि मारा॥*
*फूलहिं नभ बरु बहुबिधि फूला।*
*जीव न लह सुख हरि प्रतिकूला॥*
रामचरितमानस : उत्तर काण्ड।

तुलसीदास जी ने परमतत्व की महत्ता बताते हुए लिखा है कि कछुए की पीठ पर भले ही बाल उग आवें, बाँझ का पुत्र भले ही किसी को मार डाले, आकाश में भले ही अनेकों प्रकार के फूल खिल उठें, परंतु श्री हरि अर्थात् परमतत्व से विमुख होकर जीव सुख नहीं प्राप्त कर सकता।

Even a turtle got hairs on its back, a non existng person can kill someone, even if the sky may blossom with different types of flowers, But a  person cannot get pleasure while not on the path of God.

शुभ दिन हो।

🌺🌸💐🙏🏻

Friday, November 8, 2019

विचार

*मनस्यन्यद्वचस्यन्यत्कार्ये चाऽन्यदुरात्मनाम् ।*
*मनस्येकं वचस्येकं कर्मण्येकं महात्मनाम् ।।*

दुष्ट और नीच व्यक्तियों के विचार कुछ और होते है पर वे कहते कुछ और ही हैं और करते भी कुछ और ही हैं। इसके विपरीत सज्जन और महान् व्यक्ति जो सोचते हैं वही कहते हैं और करते भी वही हैं।

The thoughts of wicked and mean persons are different than what they speak and ultimately do, whereas the thoughts, their expression and subsequent action by the noble and righteous persons are always the same.

शुभ दिन हो।

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Thursday, November 7, 2019

देव प्रबोधिनी एकादशी

*त्रिकाल बिनता पुत्र प्रयाश तुलसी यदि।*
*विशिष्यते कायशुद्धिश्चान्द्रायण शतं बिना।।*
*तुलसी गंधमादाय यत्र गच्छन्ति: मारुत:।*
*दिशो दशश्च पूतास्तु: भूत ग्रामश्चतुर्विध:।।*

यदि सुबह, दोपहर और शाम को तुलसी का सेवन किया जाए तो उससे शरीर इतना शुद्ध हो जाता है, जितना अनेक चांद्रायण व्रत के बाद भी नहीं होता। तुलसी की गंध जितनी दूर तक जाती है, वहाँ तक का वातारण और निवास करने वाले जीव निरोगी और पवित्र हो जाते हैं।

*तुलसी का एक पौधा अपने घर में अवश्य लगाएँ।*

If one consumes _Tulsi_ three times (morning, afternoon and evening) a day her/his body will become more clean than it can be done by doing _Chandrayan Vrat_ (a very difficult fasting). All the living beings living in the environment where the aroma (smell) of Tulsi reaches, become healthy and holy.

*Please plant a _Tulsi_ at home.*

*देव प्रबोधिनी एकादशी (तुलसी विवाह) पर हम अपने सोये देवत्व को जागृत करें, ऐसी शुभेच्छा।*

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Wednesday, November 6, 2019

भाव

*इहैव तैर्जितः सर्गो येषां साम्ये स्थितं मनः।*
*निर्दोषं हि समं ब्रह्म तस्माद्ब्रह्मणि ते स्थिताः।।*
गीता : अध्याय ५, श्लोक १९।

जिस मनुष्य का मन सम-भाव में स्थित रहता है, उसके द्वारा जन्म-मृत्यु के बन्धन रूपी संसार को जीत लिया जाता है क्योंकि वह ब्रह्म के समान निर्दोष एवं सम होता है और सदा परमात्मा में ही स्थित रहता है।

तुलसीदास जी ने भी इस तथ्य को सरल शब्दों में कहा है:
*समरथ कहुँ नहि दोष गुसाईं।*
*रवि पावक सुरसरि की नाईं।*
  
Those whose minds are established in sameness and equanimity have already conquered the conditions of birth and death. They are flawless like Almighty, and thus they are already situated in Almighty.

शुभ दिन हो।

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स्वस्थ रहें

*मात्रा समं नास्ति शरीर पोषणं*
*चिन्ता समं नास्ति शरीर शोषणं।*
*मित्रं विना नास्ति शरीर तोषणं*
*विद्या विना नास्ति शरीर भूषणं।।*

मनुष्य के शरीर के सही पोषण हेतु सही मात्रा में पौष्टिक भोजन के समान अन्य कोई वस्तु नहीं होती है और न सदैव चिन्तित रहने के समान शरीर को नष्ट करने वाली कोई और वस्तु होती है। बिना किसी अच्छे मित्र के कोई व्यक्ति आनन्दित और संतुष्ट नहीं हो सकता है तथा विद्या के बिना शरीर को सुशोभित करने वाले आभूषण व्यर्थ हैं।

Nothing is comparable to taking right quantity of nourishing food for proper upkeep of human body, and nothing is more harmful than worries for withering or destroying the health. Without having a noble friend there is no pleasure and satisfaction in life, and there is no better adornment of one's personality than being a learned person.

स्वस्थ रहें। व्यस्त रहें। मस्त रहें।

शुभ दिन हो।

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