Tuesday, November 12, 2019

व्यर्थ

*ऊसरो च क्षेत्रेषु यथा बीजो हि निष्फलं।*
*उपकारोऽपि नीचानां कृतो भवति तादृशः।।*

जिस प्रकार एक ऊसर खेत में फसल उगाने के लिये बीज बोना व्यर्थ होता है (क्योंकि खेत की मिट्टी में नमक की मात्रा अत्यधिक होने से उस में कोई फसल नहीं उग सकती है), उसी प्रकार नीच व्यक्तियों के प्रति कोई उपकार करना भी व्यर्थ ही होता है।

Just as it is useless to sow seeds in a farm having saline soil (unfit for cultivation) where no crop can grow, similarly the   favours done to wicked and mean persons are also useless and do not bear any fruitful results.

शुभ दिन हो।

🌸🌹💐🙏🏼

Sunday, November 10, 2019

परमतत्व

*कमठ पीठ जामहिं बरु बारा।*
*बंध्या सुत बरु काहुहि मारा॥*
*फूलहिं नभ बरु बहुबिधि फूला।*
*जीव न लह सुख हरि प्रतिकूला॥*
रामचरितमानस : उत्तर काण्ड।

तुलसीदास जी ने परमतत्व की महत्ता बताते हुए लिखा है कि कछुए की पीठ पर भले ही बाल उग आवें, बाँझ का पुत्र भले ही किसी को मार डाले, आकाश में भले ही अनेकों प्रकार के फूल खिल उठें, परंतु श्री हरि अर्थात् परमतत्व से विमुख होकर जीव सुख नहीं प्राप्त कर सकता।

Even a turtle got hairs on its back, a non existng person can kill someone, even if the sky may blossom with different types of flowers, But a  person cannot get pleasure while not on the path of God.

शुभ दिन हो।

🌺🌸💐🙏🏻

Friday, November 8, 2019

विचार

*मनस्यन्यद्वचस्यन्यत्कार्ये चाऽन्यदुरात्मनाम् ।*
*मनस्येकं वचस्येकं कर्मण्येकं महात्मनाम् ।।*

दुष्ट और नीच व्यक्तियों के विचार कुछ और होते है पर वे कहते कुछ और ही हैं और करते भी कुछ और ही हैं। इसके विपरीत सज्जन और महान् व्यक्ति जो सोचते हैं वही कहते हैं और करते भी वही हैं।

The thoughts of wicked and mean persons are different than what they speak and ultimately do, whereas the thoughts, their expression and subsequent action by the noble and righteous persons are always the same.

शुभ दिन हो।

💐🌸🌹🙏🏼

Thursday, November 7, 2019

देव प्रबोधिनी एकादशी

*त्रिकाल बिनता पुत्र प्रयाश तुलसी यदि।*
*विशिष्यते कायशुद्धिश्चान्द्रायण शतं बिना।।*
*तुलसी गंधमादाय यत्र गच्छन्ति: मारुत:।*
*दिशो दशश्च पूतास्तु: भूत ग्रामश्चतुर्विध:।।*

यदि सुबह, दोपहर और शाम को तुलसी का सेवन किया जाए तो उससे शरीर इतना शुद्ध हो जाता है, जितना अनेक चांद्रायण व्रत के बाद भी नहीं होता। तुलसी की गंध जितनी दूर तक जाती है, वहाँ तक का वातारण और निवास करने वाले जीव निरोगी और पवित्र हो जाते हैं।

*तुलसी का एक पौधा अपने घर में अवश्य लगाएँ।*

If one consumes _Tulsi_ three times (morning, afternoon and evening) a day her/his body will become more clean than it can be done by doing _Chandrayan Vrat_ (a very difficult fasting). All the living beings living in the environment where the aroma (smell) of Tulsi reaches, become healthy and holy.

*Please plant a _Tulsi_ at home.*

*देव प्रबोधिनी एकादशी (तुलसी विवाह) पर हम अपने सोये देवत्व को जागृत करें, ऐसी शुभेच्छा।*

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Wednesday, November 6, 2019

भाव

*इहैव तैर्जितः सर्गो येषां साम्ये स्थितं मनः।*
*निर्दोषं हि समं ब्रह्म तस्माद्ब्रह्मणि ते स्थिताः।।*
गीता : अध्याय ५, श्लोक १९।

जिस मनुष्य का मन सम-भाव में स्थित रहता है, उसके द्वारा जन्म-मृत्यु के बन्धन रूपी संसार को जीत लिया जाता है क्योंकि वह ब्रह्म के समान निर्दोष एवं सम होता है और सदा परमात्मा में ही स्थित रहता है।

तुलसीदास जी ने भी इस तथ्य को सरल शब्दों में कहा है:
*समरथ कहुँ नहि दोष गुसाईं।*
*रवि पावक सुरसरि की नाईं।*
  
Those whose minds are established in sameness and equanimity have already conquered the conditions of birth and death. They are flawless like Almighty, and thus they are already situated in Almighty.

शुभ दिन हो।

🌹🌺💐🙏🏻

स्वस्थ रहें

*मात्रा समं नास्ति शरीर पोषणं*
*चिन्ता समं नास्ति शरीर शोषणं।*
*मित्रं विना नास्ति शरीर तोषणं*
*विद्या विना नास्ति शरीर भूषणं।।*

मनुष्य के शरीर के सही पोषण हेतु सही मात्रा में पौष्टिक भोजन के समान अन्य कोई वस्तु नहीं होती है और न सदैव चिन्तित रहने के समान शरीर को नष्ट करने वाली कोई और वस्तु होती है। बिना किसी अच्छे मित्र के कोई व्यक्ति आनन्दित और संतुष्ट नहीं हो सकता है तथा विद्या के बिना शरीर को सुशोभित करने वाले आभूषण व्यर्थ हैं।

Nothing is comparable to taking right quantity of nourishing food for proper upkeep of human body, and nothing is more harmful than worries for withering or destroying the health. Without having a noble friend there is no pleasure and satisfaction in life, and there is no better adornment of one's personality than being a learned person.

स्वस्थ रहें। व्यस्त रहें। मस्त रहें।

शुभ दिन हो।

🌸🌹💐🙏🏼

Tuesday, November 5, 2019

प्रार्थना

*आकाशात् पतितं तोयं यथा गच्छति सागरम्।*
*सर्वदेवनमस्कार: केशवं प्रति गच्छति॥*

जिस प्रकार आकाश से गिरा जल विविध नदियों के माध्यम से अंतत: सागर से जा मिलता है, उसी प्रकार उपासना प्रार्थना किसी भी रूप की की जाए, परम् सत्ता को प्राप्त होती है।

As the water falls down in rain, through different rivers, finally reaches the Ocean, the worship of any divine aspect ultimately reaches the Supreme Being.

शुभ दिन हो।

🌺🌸💐🙏🏼

Sunday, October 27, 2019

मानवता

*अश्विभ्यां प्रात: सवनमिन्द्रेणैन्द्रं माध्यन्दिनम्।*
*वैश्वदेवं सरस्वत्या तृतीयमाप्तं सवनम्॥*

हम मानवता को बढ़ाने वाले बनें। प्रातःकाल हो, मध्य दिन अथवा सन्ध्या हो, हम सदैव मानवता और शान्ति के लिए कर्म करते रहें।

We should be the benefactors of humanity. Be it morning or midday or evening, we should work for the sake of universal peace and happiness.

*पञ्च दिवसीय महापर्व के चतुर्थ दिवस गोवर्धन पूजा, अन्नकूट महोत्सव एवं नूतन वर्षारम्भ की अशेष शुभकामनाएँ।*

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Saturday, October 26, 2019

शुभ दीपावली

*दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।*
*दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते।।*

*तमसो मा ज्योतिर्गमय*

अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ें।

Come, walk towards LIGHT from Darkness.

दीपक प्रकाश का द्योतक है एवम् प्रकाश ज्ञान का।
जिस प्रकार दीपक की ज्योति हमेशा ऊपर की ओर उठती है, उसी प्रकार हमारी वृत्ति भी सदा ऊपर उठे, प्रगति करे, दीप प्रज्वलन का यही भाव धारण करते हुए हम सभी अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर बढ़ें।

इस दीप पर्व पर अधिक से अधिक दीपक जलाएँ।

*शुभ दीपावली*
*मंगल दीपावली*

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Friday, October 25, 2019

छोटी दीवाली

*अग्निर्देवो द्विजातीनां, मुनीनां हृदि दैवतम्।*
*प्रतिमा स्वल्पबुद्धीनां, सर्वत्र समदर्शिनः।।*

द्विजों अथवा ब्राह्मणों के लिए अग्नि भगवान है।
मुनियों का भगवान उनके हृदय में स्थित है।
अल्पबुद्धि लोगों का भगवान प्रस्तर प्रतिमा अर्थात मूर्ति में स्थित है।
और जो समदर्शी हैं उनके लिए भगवान सर्वत्र हैं।

दीपों के इस पञ्च दिवसीय सम्पूर्ण महापर्व (स्वास्थ्य, रूप, समृद्धि, उल्लास एवं सुरक्षा हेतु आराधना का पर्व) के द्वितीय दिवस *रूप चतुर्दशी*, काली चौदस एवम् छोटी दीवाली की असीम शुभकामनाएँ।

🙏🏼🙏🏼 *शुभ दीपावली* 🙏🏼🙏🏼