Tuesday, September 6, 2022

गुण

*गुणिनि गुणज्ञो रमते नाऽगुणशीलस्य गुणिनि परितोषः।*
*अलिरेति वनात्पद्मं न   दर्दुरस्त्वेकवासोऽपि।।*

गुणवान व्यक्ति अन्य व्यक्तियों के गुणों को देख कर आनन्दित होते हैं, परन्तु गुण रहित व्यक्तियों को दूसरों के गुणों को देख कर कोई प्रसन्नता नहीं होती है। 
देखो तो ! एक मधुमक्खी वन में खिले हुए कमल पुष्पों से उनका पराग प्राप्त करने हेतु स्वयं उनके पास चली जाती है, परन्तु मेंढक एक ही स्थान पर बने रहते हैं।

Virtuous persons always feel rejoiced on seeing the virtues of others, whereas worthless persons are never happy
on seeing the virtues of others. Look ! how a bee moves around a forest to collect the nectar from Lotus flowers, whereas frogs remain confined at one place.

*परिवर्तिनी एकादशी (जलझूलनी एकादशी), डोल ग्यारस, वामन एकादशी पर जीवन में परिवर्तन की महत्ता को आत्मसात करें।*
*अशेष शुभकामनाएँ।*

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