*सरस्वतीं च तां नौमि वागधिष्ठातृदेवताम्।*
*देवत्वं प्रतिपद्यन्ते यदनुग्रहतो जना:॥*
यदि वाणी का अनुग्रह हो तो सामान्य जन भी देवत्व से पूरित हो जाते हैं अर्थात् देव तुल्य बन जाते हैं।
वाणी की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती को नमन है।
If Speech of a person is well mannered, he will become a noble. I bow towards _Saraswati_ the Goddess of Speech.
बसंत के आगमन एवं सृष्टि के प्रारम्भ होने के इस विशेष दिवस _बसंत पंचमी_ पर माँ सरस्वती का वंदन कर अपनी वाणी में सदैव विराजित रहने की प्रार्थना करें।
No comments:
Post a Comment